हिन्दू धर्म में वास्तु शास्त्र का विशेष महत्व है, बहुत लोगों को ऐसा लगता है कि वास्तु शास्त्र में सिर्फ़ दिशा के बारे में ही नियम बताए गए हैं, लेकिन ऐसा नहीं है वास्तु शास्त्र में घर में रखी गई वस्तुओं को लेकर भी कई नियम बताए गए हैं। वास्तु शास्त्र में घर परिवार को लेकर भी कई नियम बताए गए हैं।
हर व्यक्ति को रोज़ाना की ज़िंदगी में कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है, लेकिन उसे कारण समझ नहीं आता है। कई बार वास्तु दोष के कारण भी तमाम प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। वास्तु शास्त्र में भोजन को लेकर भी कई नियम बताए गए हैं, वास्तुशास्त्र में बताया गया है कि आख़िर पति और पत्नी को एक ही थाली में भोजन क्यों नहीं करना चाहिए, चलिए इसके बारे में विस्तार से समझते हैं।
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पति-पत्नी को एक थाली में खाना नहीं खाना चाहिए? (Vastu Tips)
आजकल के नए जोड़े अक्सर यह गलती कर बैठते हैं, शास्त्रों के अनुसार कभी भी पति और पत्नी को एक ही थाली में खाना नहीं खाना चाहिए। लेकिन अब इस बदलते ज़माने में हर जोड़ा यह गलती कर बैठता है, इस आदत की वजह से परिवार की सुख शांति पर असर पड़ता है। घर में बहुत लड़ाई झगड़े भी होते हैं। इस बात का ज़िक्र महाभारत में भी किया गया है जिसके बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं।
दांपत्य जीवन के लिए अहम नियम
महाभारत में भी इस बारे में कहा गया है, कि कभी भी पति पत्नी को एक ही थाली में भोजन नहीं करना चाहिए। जब भीष्म पितामह बाणों की शैय्या पर थे , तब भगवान श्रीकृष्ण ने पांडवों को उनके पास ज्ञान लेने के लिए भेजा था। उस दौरान भीष्म पितामह ने धर्म से जुड़ी तमाम बातें बतायी थी, जिसमें से कुछ बातें व्यावहारिक जीवन से जुड़ी हुई भी थी। इन्ही बातों में पति पत्नी को एक थाली में भोजन नहीं करना चाहिए का भी ज़िक्र किया गया था। भीष्म पितामह ने बताया था, की अगर पति पत्नी एक ही थाली में भोजन करते हैं तो इससे परिवार को कई तरह की परेशानी झेलनी पड़ सकती है।
परिवार की एकता का रखें ध्यान
हालाँकि ऐसा कहा जाता है और आपने भी कभी न कभी ऐसा ज़रूर सुना होगा कि एक साथ खाना खाने से प्रेम करता है। लेकिन शास्त्रों के अनुसार ऐसा करना शुभ नहीं माना जाता है, इस बात में कोई श़क नहीं है कि एक साथ एक ही थाली में भोजन करने से प्रेम बढ़ता है, लेकिन अगर पति के मन में सिर्फ़ पथरी का प्यार ही सब कुछ बन जाए और वह दूसरे परिवार वालों को नज़रअंदाज़ करने लगी तो यह सही नहीं माना जाता है।
ऐसी स्थिति में पति सही और ग़लत का फ़ैसला करने की क्षमता खो सकता है। हो सकता है वह हर मामले में सिर्फ़ अपनी पत्नी की ही बातें मानने लग जाए, जिससे घर में तनाव और अशांति फैल सकती है। इसलिए शास्त्रों में कहा गया है कि पूरे परिवार को एक साथ बैठकर भोजन करना चाहिए, जिससे की सभी के बीच प्यार और समझदारी बढ़े।
Disclaimer- यहां दी गई सूचना सामान्य जानकारी के आधार पर बताई गई है। इनके सत्य और सटीक होने का दावा MP Breaking News नहीं करता।