भगवान गणेश को क्यों चढ़ाए जाते हैं मोदक: जानिए इसके पीछे की कथा, धार्मिक मान्यताएँ और स्वादिष्ट मोदक बनाने की विधि

श्रीगणेश को मोदक बेहद प्रिय है और इसके पीछे धार्मिक महत्व है। मान्यता है कि मोदक चढ़ाने से गणेशजी प्रसन्न होते हैं। मोदक का स्वाद तथा बनावट मिठास और सौम्यता का मिश्रण होता है। भरावन के रूप में नारियल और गुड़ का संयोजन इसे विशेष रूप से स्वादिष्ट और तृप्तिदायक बनाता है। मोदक को भगवान गणेश को अर्पित करने की परंपरा गणेश चतुर्थी और अन्य शुभ अवसरों पर विशेष रूप से निभाई जाती है, जिससे इस मिष्ठान्न का धार्मिक महत्व होने के साथ ये एक सांस्कृतिक प्रतीक भी बन गई है।

The mythological story behind Lord Ganesha and Modak : देशभर में गणेशोत्सव हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। पूरे दस दिन तक चलने वाले इस पर्व में श्री गणेश की स्थापना और पूजा की जाती है। इस दौरान उन्हें विभिन्न पदार्थों का भोग लगाया जाता है और प्रसाद चढ़ाया जाता है। गणेश चतुर्थी हो या किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत, भगवान गणेश की पूजा बिना मोदक के अधूरी मानी जाती है।

श्रीगणेश को मोदक चढ़ाने की प्रथा सदियों से चली आ रही है और इसके पीछे धार्मिक मान्यता और पुराणिक कथा जुड़ी हुई है। मोदक न केवल गणेशजी का प्रिय व्यंजन माना जाता है, बल्कि इसे ज्ञान, बुद्धि और समृद्धि का प्रतीक भी समझा जाता है। ये बेहद स्वादिष्ट व्यंजन है और मान्यता है कि श्रीगणेश को मोदक अर्पित करने से वे प्रसन्न होते हैं।

श्रीगणेश और मोदक से जुड़ी मान्यता

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान गणेश को ‘मोदकप्रिय’ कहा जाता है। एक पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार देवी पार्वती ने भगवान गणेश और कार्तिकेय के बीच प्रतियोगिता रखी कि जो तीनों लोकों की परिक्रमा पहले करेगा, वही विजेता होगा। कार्तिकेय तुरंत अपने वाहन मयूर पर बैठकर यात्रा के लिए निकल पड़े, लेकिन गणेशजी ने बुद्धिमानी से अपनी माता-पिता की परिक्रमा कर ली, क्योंकि उनके लिए माता-पिता ही संपूर्ण ब्रह्मांड थे। उनकी इस समझदारी से प्रभावित होकर देवी पार्वती ने उन्हें मोदक का प्रसाद दिया और तब से गणेशजी को मोदक अर्पित करने की परंपरा शुरू हुई।

गणेश जी और माता अनुसुइया: मोदक के प्रिय होने की कथा

एक अन्य कथा के अनुसार, एक बार भगवान गणेश अपने माता-पिता भगवान शिव और देवी पार्वती के साथ महान तपस्विनी माता अनुसुइया के आश्रम में पधारे। अनुसुइया ने अतिथियों के स्वागत के लिए भोजन तैयार किया और सबसे पहले गणेश जी को भोजन कराने का निर्णय लिया, क्योंकि वह सबसे छोटे थे।

माता अनुसुइया ने प्रेमपूर्वक गणेश जी के सामने तरह-तरह के पकवान परोसे, लेकिन उनकी भूख थी कि खत्म ही नहीं हो रही थी। जितना भोजन उन्हें परोसा जाता, गणेश जी सब खा जाते। माता अनुसुइया को यह देखकर चिंता होने लगी कि आखिर गणेश जी की भूख कैसे शांत होगी। उन्होंने सोचा कि शायद कुछ मीठा खिलाने से उनकी भूख मिट जाए।

इसके बाद माता अनुसुइया ने रसोई से गणेश जी को ताज़े मोदक का एक टुकड़ा दिया। जैसे ही गणेश जी ने मोदक का पहला टुकड़ा खाया, उनकी भूख पूरी तरह शांत हो गई और उन्होंने तृप्ति से एक जोरदार डकार ली। यह देखकर भगवान शिव ने भी खुशी-खुशी 21 बार डकार ली, मानो यह उनकी तृप्ति का भी प्रतीक हो।यह दृश्य देखकर माता पार्वती और माता अनुसुइया मुस्कुराई और तभी से मोदक गणेश जी का प्रिय भोजन बन गया। इस घटना के बाद, मोदक को श्रीगणेश का सबसे पसंदीदा प्रसाद माना जाने लगा और हर पूजा में उन्हें मोदक अर्पित करने की परंपरा शुरू हुई। इस यह कथा से हमें ये सीख भी मिलती है कि सच्चे प्रेम और भक्ति से किया गया अर्पण हमेशा भगवान को संतुष्ट करता है, चाहे वह छोटा हो या बड़ा।

मोदक का धार्मिक और सांकेतिक महत्व

मोदक का गोल आकार जीवन की पूर्णता और संतुलन का प्रतीक है। मोदक के भीतर छिपी मीठी सामग्री को ज्ञान और बुद्धि के रूप में देखा जाता है, जबकि उसका बाहरी आवरण संसारिक जीवन का प्रतीक माना जाता है। मोदक चढ़ाकर भक्त भगवान गणेश से ज्ञान और सही समझ की प्रार्थना करते हैं, जिससे उनके जीवन में सुख और समृद्धि आए।

स्वादिष्ट मोदक बनाने की विधि

मोदक कई प्रकार के होते हैं, जो विभिन्न क्षेत्रों और स्वाद के अनुसार बनाए जाते हैं। आज हम आपको उनमें से कुछ मोदक बनाने की विधि बता रहे हैं।

स्टीम्ड मोदक (उकड़ीचे मोदक)
                 सामग्री:

    • चावल का आटा: 1 कप
    • गुड़ (कसा हुआ): 1 कप
    • नारियल (कद्दूकस किया हुआ): 1 कप
    • इलायची पाउडर: 1/2 टीस्पून
    • घी: 1 टीस्पून
    • पानी: 1 कप

                       विधि:

      • एक पैन में पानी और घी डालकर उबाल लें। फिर उसमें चावल का आटा डालें और अच्छी तरह से मिलाएं। आटे को ढककर 5-7 मिनट तक पकाएं। फिर उसे आंच से उतारकर ठंडा होने दें।
      • दूसरे पैन में गुड़ और नारियल को मिलाकर मध्यम आंच पर पकाएं। जब मिश्रण गाढ़ा हो जाए, तब इलायची पाउडर डालें।
      • चावल के आटे से छोटी-छोटी लोइयां बनाएं और उन्हें बेलकर उनमें नारियल-गुड़ की भरावन भरें। फिर किनारों को मोड़कर मोदक का आकार दें।
      • तैयार मोदक को स्टीमर में 10-15 मिनट तक स्टीम करें।

तले हुए मोदक
                   सामग्री:

    • मैदा: 1 कप
    • सूजी: 2 टेबलस्पून
    • नारियल: 1 कप
    • गुड़: 1 कप
    • इलायची पाउडर: 1/2 टीस्पून
    • घी: तलने के लिए

                     विधि:

      • मैदा और सूजी को मिलाकर नरम आटा गूंध लें।
      • गुड़ और नारियल को मिलाकर धीमी आंच पर पकाएं और उसमें इलायची पाउडर डालें।
      • आटे की छोटी लोइयां बनाएं, उन्हें बेलकर बीच में नारियल-गुड़ का मिश्रण रखें और मोदक का आकार दें।
      • इन मोदकों को गर्म घी में तलें जब तक वे सुनहरे और करारे न हो जाएं।

चॉकलेट मोदक
                                 सामग्री:

        • चॉकलेट: 200 ग्राम
        • मिल्क पाउडर: 1 कप
        • कंडेंस्ड मिल्क: 1/2 कप
        • घी: 1 टीस्पून

                                    विधि:

          • चॉकलेट को डबल बॉयलर विधि से पिघलाएं।
          • मिल्क पाउडर, कंडेंस्ड मिल्क और घी को एक पैन में मिलाकर धीमी आंच पर पकाएं।
          • जब मिश्रण गाढ़ा हो जाए, तब उसे आंच से उतारें और ठंडा होने दें।
          • पिघली हुई चॉकलेट से मोदक का सांचा भरें और बीच में तैयार मिश्रण डालें। फिर सांचे को बंद करें और चॉकलेट मोदक तैयार करें।

(डिस्क्लेमर : उपरोक्त कथाएँ और प्रचलन धार्मिक मान्यतानुसार बताया गया है। इसे लेकर हम कोई दावा नहीं करते हैं।)

 


About Author
श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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