Pradosh Vrat 2023 : प्रदोष व्रत हिन्दू धर्म में एक प्रमुख व्रत है जो भगवान शिव को समर्पित होता है जो कि हर माह दो बार किया जाता है – एक शुक्ल पक्ष में और दूसरा कृष्ण पक्ष में। इस व्रत में व्रती उपवास करता है और शिवलिंग की पूजा करता है। बता दें कि शिवाजी को दूध, दही, बिल्वपत्र, बिल्वा-फल, तिल, घी, धूप, दीप, नैवेद्य, फल आदि समर्पित किया जाता है। इसी कड़ी में इस साल का आखिरी रवि प्रदोष व्रत 24 दिसंबर को रखा जाएगा। आइए जानते हैं शुभ मुहूर्त, महत्व विस्तार से…
शुभ मुहूर्त के बारे में जानिए?
- 24 दिसंबर 2023: सुबह 06 बजकर 24 मिनट पर शुरू होगी।
- 25 दिसंबर 2023: सुबह 05 बजकर 54 मिनट पर समाप्त होगी।
- पूजा का समय: 24 दिसंबर को शाम 05:30 बजे से रात 08:14 बजे तक।
किस तरह करें पूजा?
- सबसे पहले इस दिन सुबह उठें और स्नान करें।
- जिसके बाद साफ वस्त्र पहनें।
- फिर घर की सफाई के साथ पूजा स्थल को साफ कर लें।
- ध्यान और पूजा के लिए शिवलिंग या मुर्ति को सजाएं।
- बता दें कि शिव पूजा के लिए बेल पत्र, रुद्राक्ष, चंदन, बिल्व पत्र, धूप, दीप, फल, पुष्प, नैवेद्य, गंगाजल, दूध, दही, घी, चावल, जल, चावल, आदि रखें।
- फिर शिव पूजा के दौरान मंत्रों का जप करें। धूप, दीप, फल, पुष्प आदि समर्पित करें।
- इस दौरान आप महामृत्युंजय मंत्र, शिव चालीसा, शिव तांडव स्तोत्र, आदि का पाठ कर सकते हैं।
- पूजा के बाद शिव आरती गाएं और उनकी कृपा प्राप्त करें।
(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।)