शादी के बाद रोहित शर्मा से हो गई थी ये बड़ी गलती, विराट कोहली ने उठाया था फायदा

Pooja Khodani
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रोहित शर्मा

मुंबई, डेस्क रिपोर्ट। टीम इंडिया (Team India) के हिटमैन कहे जाने वाले 34 वर्षीय रोहित शर्मा (Rohit Sharma) कितने बड़े भुलक्कड है, यह तो सब जानते है, इसी भूलने की आदत के चलते कई बार उन्हें परेशानियों का सामना भी करना पड़ता है, लेकिन शादी के बाद वे अपनी रिंग पहनना भूल जाएंगे, इसका अंदाजा नहीं था। इतना ही नहीं इस बात का टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली (Virat Kohli) ने खूब फायदा उठाया और एक बड़ी खबर बना दी।

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दरअसल, दरअसल, बात 2015 की है, जब रोहित शर्मा की शादी रितिका सजदेह से हुई थी। इस शादी को कुछ महीने ही गुजरे थे कि साल 2017 में गौरव कपूर ने रोहित शर्मा ने 2017 में ब्रेकफास्ट विद चैंपियंस शो ( Breakfast With Champions) के दौरान इसका खुलासा किया था कि वे शादी के बाद अपनी रिंग होटल में ही भूल गए थे।खास  बात ये है कि इस किस्से का जिक्र विराट कोहली भी अपने एक इंटरव्यू में कर चुके है।

रोहित शर्मा ने बताया था कि उनकी नई-नई शादी हुई थी और  मुझे अंगूठी पहनने की आदत नहीं थी तो रोज रात को निकाल कर सोता और सुबह उठकर फिर पहन लेता। लेकिन एक दिन  फ्लाइट पकड़ने के लिए लेट हो रहे थे।इसके साथ ही उन्हें अंगूठी पहनने की आदत नहीं थी, ऐसे में सोने से पहले वे इसे उतार दिया करते थे और सुबह पहन लेते थे, एक दिन फ्लाइट पकड़ने की जल्दबाजी में बिना रिंग को पहने निकल गया और जब एयरपोर्ट पहुंचा तो उमेश यादव मेरे पास से गुजरे और उनके हाथ में उनकी वेडिंग रिंग थी, तो मुझे अपनी रिंग याद आई।

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इसके बाद मैंने सीधा भज्जू पा (हरभजन सिंह) को कहा मैं शादी की रिंग होटल में ही भूल आया हूं, होटल में आपके पहचान वाला बंदा है, उसको बोलो शायद मेरी रिंग मिल जाए।हालांकि मुझे भूलने की आदत है यह सब जानते  है इसलिए मैं हमेशा टीम साथियों से कहता था कि ट्रेनिंग या एयरपोर्ट पर निकलने से पहले मेरे दरवाजे पर नॉक कर दे या कॉल कर दे, उस दिन ऐसा नहीं हुआ। विराट कोहली को जैसे ही यह बात पता चली और उन्होंने सबके बीच बड़ी खबर बना दी और मेरा खूब मजाकर उड़ाया।


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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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