Dhoni ने खोला 7 नंबर जर्सी पहनने का राज, आप भी सुनकर रह जायेंगे हैरान

Atul Saxena
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नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। भारत के सबसे सफल कप्तान, पूर्व भारतीय विकेट कीपर महेंद्र सिंह धोनी (MS Dhoni) ने एक ऐसे राज पर से पर्दा उठाया है जिसे लेकर लोग तरह तरह की बातें करते हैं। धोनी को अंधविश्वासी कहते हैं।  ये सिलसिला लम्बे समय से चल रहा है जिसका पटाक्षेप धोनी ने एक कार्यक्रम के दौरान किया है।

दर असल ये राज धोनी की 7 नंबर की जर्सी से जुड़ा हुआ है। एमएस धोनी 7 नंबर की जर्सी पहनते हैं। वे लम्बे समय से ऐसा कर रहे हैं।  उनके फैंस के अलावा विरोधियों में भी ये जिज्ञासा है कि आखिर धोनी की 7 नंबर की जर्सी का राज (Secret of Number 7 Jersey) क्या है जिसने उन्हें सफलता की इतनी ऊंचाई पर चढ़ा दिया।

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7 नंबर की जर्सी पहनकर भारत को दो बार वर्ल्ड चैम्पियन बनाने वाले एमएस धोनी के लिए लोग बातें करते हैं कि 7 नंबर क्या धोनी का लकी नंबर है, क्या धोनी का 7 नंबर के साथ कोई कनेक्शन है? क्या धोनी अंधविश्वासी हैं? और ना जाने क्या क्या? धोनी लम्बे समय से इन बातों को सुन रहे हैं लेकिन आखिरकार उन्होंने अब चुप्पी तोड़ दी है।

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IPL 2022 की तैयारी में जुटे चेन्नई सुपर किंग्स के कप्तान एमएस धोनी ने चेन्नई सुपर किंग्स के समूह इंडिया सीमेंट द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में इस राज पर से पर्दा उठाया। उन्होंने कहा कि लोग मेरी 7 नंबर की जर्सी को लेकर तरह तरह की बातें करते हैं लेकिन मैं आपको बता दूँ कि ना तो 7 मेरा लकी नंबर हैं और ना अंधविश्वासी हूँ।

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धोनी ने कहा कि मैंने बहुत साधारण कारण से 7 नंबर को चुना है, मेरा जन्म 7 जुलाई को हुआ है यानि 7वे महीने की 7 तारीख को।  इसलिए मैं 7 नंबर की जर्सी पहनता हूँ। आपको बता दें कि एमएस धोनी ने IPL 2022 की तैयारी शुरू कर दी है।  वो तगड़ी नेट प्रेक्टिस कर रहे हैं और अपनी टीम चेन्नई सुपर किंग्स के बेहतर प्रदर्शन पर  फोकस कर रहे हैं।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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