खेल, डेस्क रिपोर्ट। गुरुवार से इंग्लैंड के बर्मिंघम शहर में शुरू होने जा रहा एथलेटिक्स के त्योहार में भारत ने अपना 205 सदस्यीय दल भेज दिया, लेकिन खेलों के शुरू होने से पहले भारत की उम्मीदों को उस समय बहुत बड़ा झटका लगा जब, टोक्यो ओलंपिक 2020 गोल्ड मेडलिस्ट और मौजूदा वक्त में शानदार लय में नजर आ रहे ‘गोल्डन बॉय’ नीरज चोपड़ा ने आयोजन से अपना नाम वापस ले लिया। हालांकि, इस लिस्ट में नीरज अकेले नहीं है। उनके अलावा और भी खिलाड़ी है, जिनके ना जाने से मेडल टैली कुछ कम सी नजर आ रही है।
आइये एक नजर डालते है इन खिलाड़ियों पर –
नीरज चोपड़ा
टोक्यो ओलंपिक 2020 के बाद भी अपनी लय बरकरार रखे हुए नीरज चोपड़ा वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप के फाइनल में ग्रोइन इंजरी का शिकार हो गए थे। इसी कारण से उन्होंने मात्र दो दिन पहले आयोजन से नाम वापस लेकर सबको चौंका दिया था। नीरज इस समय शानदार फॉर्म में थे, उन्होंने वर्ल्ड चैंपियनशिप और पावो नूर्मी गेम्स में सिल्वर के अलावा कुर्आतने गेम्स में गोल्ड मेडल पर कब्जा जमाया था।
रानी रामपाल
टोक्यो ओलंपिक में भारतीय महिला हॉकी टीम को पहली बार सेमीफाइनल तक ले जाने वाली कप्तान रानी रामपाल में इस आयोजन में अपनी टीम का नेतृत्व नहीं कर रही है। उनकी गैरमौजूदगी में ये जिम्मेदारी गोलकीपर सविता पूनिया संभालेंगी। हैमस्ट्रिंग इंजरी के चलते रानी ने ये फैसला किया है। टीम को इस बार अपनी स्टार स्ट्राइकर रानी रामपाल के बिना ही मैदान में उतरना होगा।
एम.सी मैरीकॉम
पदक के दावेदारों में से एक मानी जा रही एम.सी मैरीकॉम भी चोटिल होने के चलते ही इस टूर्नामेंट का हिस्सा नहीं होंगी। 6 बार की विश्व चैंपियन मैरीकॉम ट्रायल के दौरान वह चोटिल हो गई थी। उन्होंने पिछले कामनवेल्थ गेम्स में गोल्ड पर निशाना साधा था। इसके अलावा वह 2012 लंदन ओलंपिक में कांस्य पदक जीत चुकी है।
साइना नेहवाल
कामनवेल्थ गेम्स में पांच पदक अपने नाम कर चुकी साइना नेहवाल से इस बार छठें पदक की उम्मीद की जा रही थी लेकिन स्टार शूटलर चोट नहीं बल्कि विवादों के चलते टूर्नामेंट से बाहर हुई है। साइना इंजरी और थकान के चलते ट्रायल्स में शामिल नहीं हो सकी थी। इसके बाद उन्होंने फेडरेशन से कॉमनवेल्थ के लिए एक मौका मांगा था, लेकिन नियमों के चलते उन्हें मौका नहीं मिला। दरअसल, नियमों के मुताबिक यदि किसी खिलाड़ी की रैंकिंग 15 या उससे अधिक होती है, तो उसे ही ट्रायल्स छोड़ने का अधिकार होता है, उस समय साइना की रैंकिंग 23वीं थी। साइना ने 2012 लंदन ओलंपिक्स में कांस्य, जबकि 2006 कामनवेल्थ गेम्स के मिक्स्ड डबल्स में कांस्य, 2010 में सिंगल्स में स्वर्ण एवं मिक्स्ड डबल्स में रजत वहीं 2018 गोल्ड कोस्ट में मिक्स्ड डबल्स और महिला सिंगल्स का स्वर्ण अपने नाम किया।
एचएस प्रणॉय
हाल ही में शानदार प्रदर्शन करते हुए भारत को पहली बार थॉमस कप दिलाने में अहम भूमिका निभाने वाले एचएस प्रणॉय को शायद किस्मत ने धोका दे दिया। दरअसल, उनका चयन 10 सदस्यीय बैडमिंटन टीम में नहीं किया गया, जिसमें किंदाबी श्रीकांत, पीवी सिंधु, लक्ष्य सेन, आकर्षी कश्यप को सिंगल्स के लिए चुना गया।