ग़ुस्से में हैं क्रिकेटर हरभजन सिंह? सोशल मीडिया पर लिखा “पालतू कुत्ते भोंके हजार”, जानिए क्या है वजह!

पूर्व भारतीय क्रिकेटर हरभजन सिंह का एक सोशल मीडिया पोस्ट तेजी से वायरल हो रहा है। इस पोस्ट में उन्होंने लिखा है कि "पालतू कुत्ते भोंके हजार"। चलिए, इस खबर में जानते हैं कि हरभजन सिंह ने क्या कहा।

Rishabh Namdev
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पूर्व भारतीय क्रिकेटर हरभजन सिंह एक पोस्ट के जरिए चर्चा में आ गए हैं। दरअसल, इस पोस्ट में वह बेहद गुस्से में दिखाई दे रहे हैं। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (Twitter) पर एक पोस्ट डाली है, जिसके चलते सभी इस पोस्ट से चौंक गए हैं। उन्होंने हिंदी में एक मुहावरा लिखा है कि, “पालतू कुत्ते भोंके हजार”। वहीं अब इस पोस्ट के बाद सभी यूजर्स उलझन में दिखाई दे रहे हैं।

दरअसल, अब तक यह साफ नहीं हो पाया है कि हरभजन सिंह ने यह मुहावरा किसके लिए लिखा है। लेकिन अब हरभजन सिंह की यह पोस्ट सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गई है।

हरभजन सिंह ने क्या लिखा?

हरभजन सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (Twitter) पर लिखा, “हाथी चले बाजार, पालतू कुत्ते भोंके हजार।” इसके बाद यूजर्स इस उत्सुकता में दिखाई दे रहे हैं कि हरभजन सिंह ने यह मुहावरा किसके लिए इस्तेमाल किया है। हालांकि, हरभजन सिंह ने इस मुहावरे के अलावा इस पोस्ट में कुछ भी स्पष्ट नहीं बताया है। वहीं, संभावना जताई जा रही है कि हरभजन सिंह ने यह पोस्ट बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में भारत की हार के चलते की है। बता दें कि भारतीय टीम को ऑस्ट्रेलिया से 3-1 से हार का सामना करना पड़ा था। इसके बाद सभी दिग्गजों ने भारतीय टीम की आलोचना की थी।

ग़ुस्से में हैं हरभजन सिंह?

हालांकि, हरभजन सिंह ने साल की शुरुआत में बीसीसीआई को भी आड़े हाथों लिया था। दरअसल, हरभजन सिंह ने एक यूट्यूब वीडियो के जरिए बीसीसीआई से सुपरस्टार कल्चर खत्म करने की अपील की थी। हरभजन सिंह ने कहा था, “सुपरस्टार कल्चर विकसित हो चुका है, अब हमें सुपरस्टार नहीं बल्कि परफॉर्मर चाहिए। अगर वह परफॉर्म करेंगे तो आगे बढ़ेंगे। जो भी सुपरस्टार बनना चाहता है, उसे घर पर रहना चाहिए और वही क्रिकेट खेलना चाहिए।” दरअसल, हरभजन सिंह ने इंग्लैंड दौरे को लेकर भी बात कही थी। उन्होंने कहा था कि इंग्लैंड में कौन जाएगा, यह सिंपल सी बात है कि जो परफॉर्म करेगा, उसे ही इंग्लैंड दौरे पर भेजना चाहिए। खिलाड़ियों को उनकी रेप्युटेशन के हिसाब से नहीं चुना जाना चाहिए।


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मैंने श्री वैष्णव विद्यापीठ विश्वविद्यालय इंदौर से जनसंचार एवं पत्रकारिता में स्नातक की पढ़ाई पूरी की है। मैं पत्रकारिता में आने वाले समय में अच्छे प्रदर्शन और कार्य अनुभव की आशा कर रहा हूं। मैंने अपने जीवन में काम करते हुए देश के निचले स्तर को गहराई से जाना है। जिसके चलते मैं एक सामाजिक कार्यकर्ता और पत्रकार बनने की इच्छा रखता हूं।

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