खेल, डेस्क रिपोर्ट। कुछ दिनों पहले खत्म हुए कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में भारतीय खिलाड़ियों ने दमदार प्रदर्शन किया। इंग्लैंड के बर्मिंघम में आयोजित 22वें कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत ने 61 मेडल अपने नाम किए, जिसमें 22 गोल्ड, 16 सिल्वर और 23 ब्रॉन्ज मेडल शामिल थे।
इस बार के कॉमनवेल्थ गेम्स में वैसे तो सभी खिलाड़ियों ने प्रभावित किया, लेकिन जिन खिलाड़ियों और जिस टीम ने सबसे ज्यादा प्रभावित किया, वह भारत की लॉन बॉल टीम रही। भारत की चार सदस्यीय महिला टीम ने शानदार प्रदर्शन करते हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में इतिहास रचा और पहला गोल्ड मेडल अपने नाम किया। इस टीम में लवली चौबे, रूपा रानी टिर्की, पिंकी और नयनमोनी साकिया शामिल थी।
गोल्डन गर्ल्स ने बयां किया अपना दर्द
कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 के खत्म हुए लगभग एक हफ्ते हो गए। एक हफ्ते बाद इस चार सदस्यीय लॉन बॉल टीम की खिलाड़ियों ने एक इंटरव्यू में अपना दर्द बयां किया हैं। टीम की सभी खिलाड़ी अपने पुराने दिनों को याद करते हुए रो पड़ी। लवली चौबे ने रोते हुए कहा, “उन्हें यहां तक पहुंचने में लोगों के काफी ताने सुनने पड़े, लोग कहते थे कि चेहरा देखकर उनका सेलेक्शन हुआ है।”, जबकि रूपा रानी ने कहा, “हमने जो ताने सुने हैं, उन्हें शब्दों में बयान नहीं कर सकते।”
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दरअसल, एक इंटरव्यू के दौरान रूपा रानी ने कहा, “हम चारों प्लेयर अलग-अलग खेल से थे, मगर जब चारों एक जगह आए, तो देश के लिए गोल्ड मेडल जीता।”
इसके बाद रूपा रानी रोने लगीं और रोते हुए कहा, “हमने यहां तक पहुंचने के लिए बहुत आलोचनाएं झेली हैं। इन्हें शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता, यदि हम मेडल लेकर नहीं आते, तो शायद हमारे गेम को अगले लेवल तक नहीं ले जाया जाता।”
इसी बीच लवली की आंखों से आंसू आ गए और उन्होंने कहा, “हमें तो यहां तक कहा गया कि हमारा चेहरा देखकर सेलेक्शन हुआ है। हमारे अंदर कुछ था, तभी आज हम मेडल लेकर आए। हमारा चेहरा देखकर तो वो मेडल नहीं देते ना।”
ये है हमारी गोल्डन गर्ल्स –
लवली चौबे
42 वर्षीय लवली चौबे झारखंड से है। फिलहाल, वह झारखंड पुलिस में कॉन्स्टेबल हैं।
पिंकी
पिंकी दिल्ली से है और फिलहाल एक स्कूल में बतौर फिजिकल एजुकेशन टीचर के तौर पर काम करती हैं। उनके पास दिल्ली यूनिवर्सिटी से स्पोर्ट्स डिग्री है।
नयनमोनी साकिया
असम के गोलाघाट में जन्मीं नयनमोनी साकिया के पिता किसान है और वह फिलहाल फॉरेस्ट डिपार्टमेंट में नौकरी करती हैं।
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रूपा
भारत के लिए तीन कॉमनवेल्थ गेम्स में भाग ले चुकी रूपा झारखंड के रांची से है और वह फिलहाल राज्य सरकार में जिला स्पोर्ट्स ऑफिसर के पद पर कार्यरत है।