खेल, डेस्क रिपोर्ट। गुरुवार (28 जुलाई) से इंग्लैंड के बर्मिंघम में शुरू होना जा रहे कामनवेल्थ गेम्स में बेशक इस बार नीरज चोपड़ा और मैरीकॉम के ना होने से भारतीय उम्मीदों को झटका लगा है, लेकिन अभी भी 205 एथलीट खेलगांव में मौजूद है, जो तिरंगे को सबसे ऊंचा लहराने के साथ-साथ राष्ट्रगान बजवाने के लिए प्रतिबद्ध है। भारत का प्रदर्शन कामनवेल्थ गेम्स में निरंतर सुधरा है। इसके 23 आयोजनों में से भारत ने अभी तक 18 बार प्रतिस्पर्धा की है, जिसमें देश ने कुल 503 पदक हासिल किए है। कुल मिलाकर पदकों के मामलों में भारत ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड और कनाडा के बाद चौथे स्थान पर है। इस दौरान कुछ खेल ऐसे रहे जिनमें भारत को असीम सफलता हासिल हुई।
आइये जानते है उन खेलों के बारे में और देखते है कौन है इस साल भारत के लिए पदक का दावेदार –
टेबल टेनिस
टेबल टेनिस में भारत ने अभी तक 6 गोल्ड, 4 रजत और 10 कांस्य सहित कुल 20 पदक हासिल किए है, जिनमें से 3 स्वर्ण, 2 रजत और 3 कांस्य सहित कुल 8 पदक भारतीय टेबल टेनिस टीम ने पिछले 2018 कामनवेल्थ गेम्स (गोल्ड कोस्ट) में हासिल किए थे।
इन खिलाड़ियों पर रहेगी नजर
मनिका बत्रा
मनिका बत्रा ने चार साल पहले गोल्ड कोस्ट में महिलाओं के एकल में ऐतिहासिक स्वर्ण पदक जीता था। अनुभवी स्टार पैडलर अपनी तरफ से संयम के साथ, बर्मिंघम में अपने ताज की रक्षा करना चाहेगी।
शरथ कमल
भारत के अनुभवी और सबसे कामयाब टेनिस खिलाड़ी शरथ कमल ने अभी तक कामनवेल्थ गेम्स में 8 पदक अपने किए है, जिसमें 4 गोल्ड 1 सिल्वर और 3 कांस्य शामिल है। शायद अपना आखिरी मेगा टूर्नामेंट खेल रहे शरथ अपने सफर को मेडल जीतकर एक कामयाब मोड़ पर विराम देना चाहेंगे।
साथियान ज्ञानसेकरन
साथियान ज्ञानशेखरन विश्व रैंकिंग में 38वें स्थान पर हैं। इससे पहले 24वें पायदान पर आकर वह शीर्ष -25 आईटीटीएफ रैंकिंग में आने वाले पहले भारतीय पैडलर बन गए। गोल्ड कॉस्ट कामनवेल्थ गेम्स में साथियान ने 1 गोल्ड, 1 सिल्वर और 1 कांस्य पदक पर कब्जा जमाया था।
बैडमिंटन
बैडमिंटन में भारत ने अभी तक 7 स्वर्ण, 7 रजत और 11 कांस्य सहित कुल 25 पदक हासिल किए है, जिसमें से 2 स्वर्ण, 3 रजत और 1 कांस्य सहित 6 पदक कामनवेल्थ गेम्स 2018 में आए थे। पी.वी सिंधु इस साल बैडमिंटन टीम की अगुवाई कर रही है। वह तो पक्के दावेदारों में से है ही। उनके अलावा भी कई शटलर इस बार अपने हुनर का प्रदर्शन करने के लिए तैयार है।
हाल ही में प्रतिष्ठित थॉमस कप पर कब्जा जमाने वाली भारतीय टीम से कामनवेल्थ गेम्स में अच्छा प्रदर्शन करने की उम्मीद की जाएगी। श्रीकांत पुरुष टीम का नेतृत्व करेंगे, जिसमें लक्ष्य सेन, सात्विकसाईराज रैंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी जैसे खिलाड़ी हैं, जिन्होंने भारत के लिए थॉमस कप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। श्रीकांत ने 2018 में रजत पदक अपने नाम किया था।
बॉक्सिंग
बॉक्सिंग 8 स्वर्ण, 12 रजत और 17 कांस्य सहित कुल 37 पदकों के साथ इन खेलों में चौथा सबसे सफल खेल है। पिछले आयोजन में भारत ने 3-3 स्वर्ण, रजत और कांस्य जीतकर कुल 9 पदक अपने किए थे। हालांकि, टीम को 6 बार की विश्व चैंपियन मैरीकॉम की कमी तो जरूर खलेगी लेकिन 12 सदस्यीय बॉक्सिंग टीम में टोक्यो मेडलिस्ट लवलीना बोर्गोहेन और वर्तमान विश्व चैंपियन निखत जरीन के होते हुए घबराने की जरुरत नहीं है। इसके अलावा पुरुष टीम से ओलंपियन अमित पंघाल और शिव थापा मेडल के पक्के दावेदारों में से है।
अमित पंघाल
विश्व चैंपियनशिप के पदक विजेता अमित पंघाल निश्चित ही अपने गोल्ड कोस्ट कामनवेल्थ गेम्स के पदक का रंग बदलना चाहेंगे। पिछली बार उन्हें सिल्वर से संतोष करना पड़ा था।
शिवा थापा
भारत के काबिल मुक्केबाजों में से एक शिवा थापा को अभी भी अपने पहले कामनवेल्थ गेम्स पदक की तलाश है। हालांकि, वह एशियाई चैंपियनशिप में 1 गोल्ड, 2 सिल्वर और 2 कांस्य पदक सहित कुल 5 पदकों पर कब्जा जमा चुके है।
कुश्ती
कुश्ती में भारत ने 43 गोल्ड, 37 रजत और 22 कांस्य सहित कुल 102 पदक हासिल किए है, जिसमें से 5 स्वर्ण, 2 रजत और 2 कांस्य सहित कुल 9 पदक पिछले आयोजन से आए थे। कुश्ती कामनवेल्थ गेम्स के साथ-साथ ओलंपिक में भी भारत के सफल खेलों में से एक है। इस बार भी भारत ने 6 पुरुष और 6 महिलाओं सहित कुल 12 सदस्यीय टीम भेजी है, जिनमें टोक्यो ओलंपिक मेडलिस्ट रवि कुमार दहिया और बजरंग पुनिया शामिल है। रवि और बजरंग तो पक्के दावेदारों में से एक है ही, आइये एक नजर डालते है उन खिलाड़ियों पर जो इस बार भारत का परचम लहराने के लिए अखाड़े में अपनी जान झोंक देंगे।
विनेश फोगट
देश के मशहूर कुश्ती परिवार (फोगट परिवार) से आने वाली विनेश फोगट निश्चित ही इस बार कामनवेल्थ गेम्स में अपनी स्वर्ण पदक की हैट्रिक पूरी करनी चाहेंगी। इससे पहले उन्होंने 2014 ग्लासगो और 2018 गोल्ड कोस्ट कामनवेल्थ गेम्स में स्वर्ण पर कब्जा जमाया था। रियो ओलंपिक में घुटने की चोट के कारण उनके करियर पर सवाल उठने लगे थे लेकिन 2018 में वापसी कर उन्होंने गोल्ड कोस्ट में इतिहास रच दिया था।
अंशु मलिक
अंशु मालिक भारतीय कुश्ती में उभरती हुई पहलवान है, जिन्होंने पिछले साल एशियाई चैंपियनशिप में स्वर्ण वहीं वर्ल्ड चैंपियनशिप में रजत पदक हासिल कर सबको प्रभावित किया था।
एथलेटिक्स
एथलेटिक्स में भारत ने 5 स्वर्ण, 10 रजत और 13 कांस्य सहित कुल 28 पदक अपने नाम किए है, जिसमें में नीरज चोपड़ा के ऐतहासिक स्वर्ण पदक के साथ 1 रजत और 1 कांस्य पिछले आयोजन में आया था। हालांकि, इस बार चोट के चलते नीरज चोपड़ा तो एथलेटिक्स टीम का हिस्सा नहीं होंगे, लेकिन ट्रैक एंड फील्ड इवेंट्स में दो एथलीट से पदक की उम्मीद की जा रही है।
हिमा दास
कामनवेल्थ गेम्स में पहली बार हिस्सा लेने जा रही असम की स्प्रिंटर ने इंडोनेशिया में 2018 एशियाई खेलों में 50.79 सेकेंड का समय निकालकर राष्ट्रीय रिकॉर्ड अपने नाम किया था। उनकी रफ्तार के लिए उन्हें ढिंग एक्सप्रेस के नाम से भी जाना जाता है। वह IAAF वर्ल्ड U20 चैंपियनशिप में एक ट्रैक इवेंट में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय एथलीट हैं।
दुती चंद
ओडिशा की दुती चंद महिलाओं की 100 मीटर स्पर्धा में वर्तमान राष्ट्रीय चैंपियन हैं। वह किसी भी इंटरनेशनल इवेंट की 100 मीटर रेस में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय हैं। इसके अलावा ओलंपिक खेलों में महिलाओं की 100 मीटर स्पर्धा के लिए क्वालीफाई करने वाली तीसरी भारतीय महिला हैं। 2018 एशियाई गेम्स में उन्होंने 100 और 200 मीटर में रजत पदक अपने नाम किया था।