Commonwealth Games 2022 : इन भारतीय धुरंधरों पर रहेगी सबकी नजरें, माने जा रहे पदक के पक्के दावेदार

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खेल, डेस्क रिपोर्ट। भारत ने अपने देश का परचम लहराने के लिए बर्मिंघम में 8 जुलाई से 8 अगस्त के बीच आयोजित होने जा रहे कामनवेल्थ गेम्स 2022 के लिए अपना 205 सदस्यीय दल भेज दिया, जो 15 खेलों में पदक के लिए दावेदारी पेश करेंगे। दल में 112 पुरुषों के साथ-साथ 105 महिलाएं है। आइये एक नजर डालते है उन खिलाड़ियों पर, जिन पर पूरा देश पदक की आस लगाए बैठा है –

पी.वी सिंधु

Commonwealth Games 2022 : इन भारतीय धुरंधरों पर रहेगी सबकी नजरें, माने जा रहे पदक के पक्के दावेदार

ओलंपिक में भारत के लिए दो मेडल (2016 – रजत एवं 2020 – कांस्य पदक) जीत चुकी पी.वी सिंधु ने पिछले दो कामनवेल्थ गेम्स में भी कांस्य (2014) और रजत (2018) पदक अपने नाम किए है। लेकिन अभी भी उनका गोल्ड का सपना अधूरा है, तो निश्चित ही इस बार सिंधु स्वर्ण पदक के लिए जान झोंक देंगी। हालांकि, पी.वी सिंधु इस समय कमाल की फॉर्म में है, उन्होंने हाल ही में चीन के एशियाई चैंपियन वांग झी को हराकर 2022 सिंगापुर ओपन खिताब जीता था।

लवलीना बोर्गोहेन

Commonwealth Games 2022 : इन भारतीय धुरंधरों पर रहेगी सबकी नजरें, माने जा रहे पदक के पक्के दावेदार

टोक्यो ओलंपिक में अपने दमदार मुक्कों से कांस्य पदक पर कब्जा जमाने वाली लवलीना बोर्गोहेन बर्मिंघम कामनवेल्थ गेम्स 2022 के लिए पदक के पक्के दावेदारों में से एक है। उनका फॉर्म पिछले दो सालों से काफी शानदार रहा है। उन्होंने एशियाई और विश्व चैंपियनशिप में भी पदक भी जीते हैं। अगर वह कामनवेल्थ में भी पदक हासिल कर लेती है तो, लवलीना मैरीकॉम और विजेंदर सिंह के बाद ओलंपिक एवं कामनवेल्थ गेम्स में पदक हासिल करने वाली तीसरी भारतीय बन जाएंगी।

पिछले कुछ सालों में ऐसा रहा लवलीना बोर्गोहेन का सफर –

2020 टोक्यो ओलंपिक खेल – कांस्य पदक
2019 विश्व चैंपियनशिप – कांस्य पदक
017 एशियाई चैंपियनशिप – रजत पदक
2019 एशियाई चैंपियनशिप – रजत पदक

बजरंग पूनिया

Commonwealth Games 2022 : इन भारतीय धुरंधरों पर रहेगी सबकी नजरें, माने जा रहे पदक के पक्के दावेदार

टोक्यो ओलंपिक 2020 में अपने शानदार दाव-पेचों से विपक्षियों को चीत कर कांस्य पदक जीतने वाले बजरंग पूनिया से देश को पदक की उम्मीदें है। यह पहलवान पिछले लंबे समय से अपनी निरंतरता बरकरार रखे हुए है। वह त चैंपियन के रूप में बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों में प्रवेश करेंगे। कामनवेल्थ गेम्स में उनके कद का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि वह अभी तक पिछले दो खेलों में रजत (2014) और स्वर्ण (2018) जीत चुके है।

पिछले कुछ सालों में ऐसा रहा बजरंग पूनिया का सफर –

2020 टोक्यो ओलंपिक खेल – कांस्य पदक
2018 विश्व चैंपियनशिप – रजत पदक
2013 विश्व चैंपियनशिप – कांस्य पदक
2019 विश्व चैंपियनशिप – कांस्य पदक
2018 जकार्ता और पालेमबांग एशियाई खेल – स्वर्ण पदक
2014 इंचियोन एशियाई खेल – रजत पदक
2018 गोल्डकोस्ट राष्ट्रमंडल खेल – स्वर्ण पदक
2014 ग्लासगो राष्ट्रमंडल खेल – रजत पदक

रवि कुमार दहिया

Commonwealth Games 2022 : इन भारतीय धुरंधरों पर रहेगी सबकी नजरें, माने जा रहे पदक के पक्के दावेदार

मात्र 23 साल की उम्र में ओलंपिक मेडल हासिल करने वाले रवि कुमार दहिया अपने रजत पदक से काफी नाखुश नजर आए थे क्योंकि शायद उनका लक्ष्य सिर्फ गोल्ड ही था, इसलिए ही वह अपने अधूरे सपने को कामनवेल्थ के अखाड़े में जरूर पूरा करना चाहेंगे। दहिया लगातार तीन एशियाई चैंपियनशिप जीत चुके हैं। इससे पहले भी उन्होंने 2018 में विश्व U23 कुश्ती चैंपियनशिप जीती थी।

ऐसा रहा है रवि कुमार दहिया का सफर –

2020 टोक्यो ओलंपिक खेल – रजत पदक
2019 विश्व चैंपियनशिप – कांस्य पदक
2020 एशियाई चैंपियनशिप – गोल्ड पदक
2021 एशियाई चैंपियनशिप – गोल्ड पदक
2022 एशियाई चैंपियनशिप – गोल्ड पदक

मीराबाई चानू

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भारी-भारी लकड़ी के गट्ठे उठाने से शुरू हुआ सफर आज देश के लिए वजन उठाने पर मेडल ला रहा है। टोक्यो ओलंपिक में रजत पदक पर कब्जा ज़माने के बाद निश्चित ही चानू की नजरे अब कामनवेल्थ गोल्ड पर होंगी। वह कामनवेल्थ गेम्स में डिफेंडिंग चैंपियन के रूप में हिस्सा लेने वाली है। इस बार उनके पास गोल्ड हासिल करने के लिए अनुकूल परिस्थितियां भी है क्योंकि चीन और उत्तर कोरिया वेटलिफ्टिंग में इस बार भाग नहीं ले रहे है।

ऐसा रहा है मीराबाई चानू का सफर –

2020 टोक्यो ओलंपिक खेल – रजत पदक
2020 एशियाई चैम्पियनशिप – कांस्य पदक
2019 राष्ट्रमंडल चैम्पियनशिप – स्वर्ण पदक
2019 ईजीएटी कप अंतर्राष्ट्रीय चैम्पियनशिप – स्वर्ण पदक
2018 गोल्डकोस्ट राष्ट्रमंडल खेल – स्वर्ण पदक

निखत जरीन

Commonwealth Games 2022 : इन भारतीय धुरंधरों पर रहेगी सबकी नजरें, माने जा रहे पदक के पक्के दावेदार

अपने पहले कामनवेल्थ गेम्स में हिस्सा लेने जा रही मुक्केबाज निखत जरीन से मेडल की आस लगाना लाजमी है क्योंकि वह हाल ही में उन्होंने विश्व चैंपियनशिप खिताब पर कब्जा जमाया था। जरीन मैरी कॉम, सरिता देवी, जेनी आरएल और लेख केसी के बाद विश्व चैंपियनशिप जीतने वाली मात्र पांचवी बॉक्सर है। जरीन का जूनियर स्तर पर भी प्रदर्शन लाजवाब रहा है, जहां उन्होंने 2011 में एआईबीए महिला युवा और जूनियर विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप जीती थी और अब वह सीडब्ल्यूजी 2022 में मेडल हासिल कर अपनी छाप छोड़ने के लिए तैयार हैं।

ऐसा रहा है निखत जरीन का सफर –

2022 विश्व चैंपियनशिप – गोल्ड मेडल
2022 स्ट्रैंड्जा कप – गोल्ड मेडल
2019 एशियाई चैंपियनशिप – कांस्य मेडल


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Manuj Bhardwaj

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