नियम 1.3 की शुरूआत बताती है replace हुआ खिलाड़ी, replace किये गए खिलाड़ी का पूरक होगा।
यदि खिलाडी बल्लेबाज़ी कर चुका है तो वह बल्लेबाजी नहीं कर सकेगा।
यदि उस खिलाडी को लाल कार्ड दिखाया जा चुका है, पेनल्टी या वार्निंग दी जा चुकी है तो वह भी बदले हुए खिलाड़ी पर मान्य होगा।
नियम 18 – यदि कोई बल्लेबाज आउट होता है तो उसकी जगह नया खिलाड़ी उसी छोर पर आएगा यदि ओवर बदल गया है तो दूसरे छोर पर जायेगा।
नियम 20.4.2.12 – डेड बॉल
यदि खेल क्षेत्र में किसी व्यक्ति, जानवर या अन्य वस्तु से किसी भी पक्ष को नुकसान होता है, तो अंपायर उस बॉल को डेड घोषित कर सकता है।
नियम 21.4 – यदि कोई गेंदबाज अपनी गेंदबाज़ी छोर में प्रवेश करने से पहले स्ट्राइकर बल्लेबाज को रन आउट करता है, तो वह डेड बॉल होगी।
कानून 22.1 – व्यापक निर्णय लेना
आधुनिक खेल में, बल्लेबाज गेंद फेंकने से पहले पहले से कहीं अधिक क्रीज के चारों ओर घूम रहे हैं। ऐसे में जहां बल्लेबाज खड़ा था वहां से गेंद निकलती है तो गेंद सही मानी जाएगी अन्यथा उसे वाइड करार दे दिया जायेगा।
नियम 25.8 – गेंद को खेलने का स्ट्राइकर का अधिकार
यदि गेंदबाज़ बॉल को पिच के बाहर फेंकता है तो उसे बल्लेबाज खेल सकता है। लेकिन बल्लेबाज से दूर जाने पर यह बॉल डेड होगी। और यदि बल्लेबाज़ उस गेंद को मरने के लिए पिच छोड़ देता है तो वह नो बॉल होगी।
कानून 27.4 और 28.6 – क्षेत्ररक्षण पक्ष द्वारा अनुचित आंदोलन
यदि क्षेत्ररक्षण पक्ष का कोई भी सदस्य गलत तरीके उपयोग में लाता है तो उसे अतरिक्त 5 रन दिए जाएंगे। पहले गेंद को डेड करार दे दी जाती थी। जिससे बल्लेबाज का अच्छा शॉट भी बर्बाद हो जाता था।
नियम 38.3 – नॉन-स्ट्राइकर के रन आउट को आगे बढ़ाना | नियम 41.16
बोलिंग के लिए दौड़ना और प्लेयर के आगे जाते ही उसे नॉन-स्ट्राइकर में बॉल मार करके आउट करता है तो (पूर्व में मांकड़) इसे रन आउट में जोड़ा जायेगा। यदि विकेट हिट करने के बाद अपील नहीं की जाती तो उसे अंपायर डेड बॉल करार दे सकता है।
कानून 41.3 – कोई लार नहीं
लार लगाने से बॉल को कोई स्विंग नहीं मिलती इसलिए अब प्लेयर्स बॉल पर लार नहीं लगा सकेंगे।