फीफा वर्ल्डकप 2022 पर ग्लोबल वार्मिंग का साया, इकोफ्रेंडली बनाने की तैयारी

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खेल डेस्क।

दुनियाभर में फुटबॉल प्रेमी फीफा वर्ल्ड कप का इंतज़ार कर रहे हैं। कतर में 2022 में फीफा वर्ल्डकप का आयोजन होने वाला है और इसकी तैयारियां ज़ोर-शोर से चल रही है।

कतर फीफा वर्ल्ड कप की मेजबानी करने वाला पहला मिडिल ईस्ट (पश्चिम एशिया) देश होगा। कतर का तापमान दिल्ली के समकक्ष है और यह 48 डिग्री तक भी पहुंच जाता है। तापमान नियंत्रित करने के लिए बिल्डिंग के अंदर एयरकंडिशनर लगाए जा रहे हैं।गर्म मौसम के कारण होनेवाली परेशानी को देखकर स्टेडियम, सार्वजनिक स्थानों पर एसी इंस्टॉलेशन किये जा रहे हैं लेकिन इसके कारण होने वाले कॉर्बन उत्सर्जन से ग्लोबल वॉर्मिंग का खतरा मंडराने लगा है। कतर का औसत तापमान 2 डिग्री. तक अधिक है और यह प्री इंडस्ट्रियल लेवल के लिए ग्लोबल लक्ष्य 1.5 डिग्री तक अधिक है। यह लक्ष्य 2015 में पेरिस जलवायु परिवर्तन के तहत तय किया गया था। कतर के लिए तापमान नियंत्रण के उपाय के साथ दूसरी समस्याएं भी शुरू हो जाएंगी। ये विश्व में सबसे अधिक कॉर्बन उत्सर्जन करने वाला देश है और अमेरिका की तुलना में 3 गुना अधिक व चीन से 6 गुना तक अधिक है। इसके बावजूद भी विश्वकप के मद्देनज़र कतर हर जरूरी सार्वजनिक स्थल पर एसी लगा रहा है।

इस समस्या से निपटने के लिए कतर आयोजन समिति और खाड़ी सहयोग परिषद (जीसीसी) ने इस टूर्नामेंट को इकोफ्रेंडली बनाने की योजना बनाई है। इसके तहत आयोजन समिति और जीसीसी मिलकर शोध करेंगे कि किस तरह कार्बनडाइ आक्साइड कम किया जा सकतता है। साथ ही वस्तुओं की रिसाइक्लिंग और कचरा प्रबंधन रणनीति से ऊर्जा बनाने के अलावा स्टेडियम में पानी बचाने का काम करने पर भी योजना बनाई जा रही है। फीफा वर्ल्डकप टूर्नामेंट 21 नवंबर से 18 दिसंबर के बीच यानी सर्दियों में खेला जाएगा। आमतौर पर फीफा वर्ल्ड कप जून-जुलाई में होता है। यह अनुमान लगाया जा रहा है कि मैचों के दौरान कतर की राजधानी दोहा का तापमान 20 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहेगा। इस टूर्नामेंट में 32 टीमें हिस्सा लेंगी।


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