खेल, डेस्क रिपोर्ट। रणजी ट्रॉफी टूर्नामेंट के final में इंटरनेशनल और IPL प्लेयर्स से सजी मुबई की टीम को मध्यप्रदेश क्रिकेट टीम ने इतिहास रचते हुए जबरदस्त हार का स्वाद चखाया। इस फाइनल में MP ने मुंबई की टीम को बुरी तरह हराया। रणजी के 88 साल के इतिहास में यह अवसर पहली बार आया है, जब ट्रॉफी मध्यप्रदेश लाई जायेगी। 23 साल पहले भी MP फाइनल में पहुंची थी, लेकिन कर्नाटक से हार गयी थी।
#RanjiTrophy2022 जीतने पर मध्य प्रदेश की टीम को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं!
पूरे सीजन में प्रदेश के खिलाड़ियों ने उत्कृष्ठ खेल का प्रदर्शन करते हुए समस्त प्रदेश वासियों को गौरवांवित किया है।
मैं आप सभी के उज्ज्वल भविष्य की कामना करता हूं। pic.twitter.com/Xm8dh1EdS1— विश्वास कैलाश सारंग (मोदी का परिवार) (@VishvasSarang) June 26, 2022
हालांकि इस बार मध्यप्रदेश की टीम ने मुंबई को 6 विकेट से हराकर ट्रॉफी जीत ली है। मैन ऑफ द मैच शुभम शर्मा रहे। शुभम ने पहली पारी में 116 रन और दूसरी पारी में 30 रन का योगदान दिया। उन्हें 25 हजार रुपए का चेक दिया गया। वहीं मैन ऑफ द सीरीज मुंबई के सरफराज खान को मिला।
आज मध्यप्रदेश के लिए गौरव का दिन है कि इतिहास में पहली बार हमारी टीम ने 41 बार की चैंपियन मुंबई को हराकर नया इतिहास रचा है।#RanjiTrophy2022 pic.twitter.com/hXEBdkdU3P
— VD Sharma (Modi Ka Parivar) (@vdsharmabjp) June 26, 2022
गौर करने वाली बात यह है कि मुंबई की जिस टीम को मध्यप्रदेश के लड़कों ने मात दी उनमे से 8 प्लेयर इंटरनेशनल और 1 प्लेयर IPL खेल चुका है, जबकि MP का कोई भी प्लेयर इंटरनेशनल लेवल पर कभी नहीं खेला। सिर्फ दो खिलाड़ी ही आईपीएल तक गये है।
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final एक झलक –
पहला दिन : मध्यप्रदेश ने मुंबई के 5 विकेट 248 रन के स्कोर पर झटके।
दूसरा दिन : मुंबई 374 के स्कोर पर ऑल आउट, मध्यप्रदेश ने दूसरे दिन का खेल समाप्ति तक 123/1 बनाए।
तीसरा दिन : मध्यप्रदेश की पूरा दिन बल्लेबाजी। 368 रन का स्कोर 2 विकेट पर। शुभम और यश के शतक।
चौथ दिन : मध्यप्रदेश के लिए रजत पाटीदार का शतक। मध्यप्रदेश ने पहली पारी में 536 रन बनाकर मुंबई पर 162 रन की बढ़त ली।
पांचवां दिन : मुंबई 269 पर ऑल आउट। मध्यप्रदेश ने 6 विकेट से मैच जीत लिया।
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एक नजर mp के खिलाडियों पर –
अक्षत रघुवंशी। 18 साल के अशोकनगर के रहने वाले और टीम में सबसे छोटे और युवा खिलाड़ी हैं। अक्षत के पिता केपी रघुवंशी ने बताया कि जब अक्षत तीन साल का था तब ही उसने बल्ला थाम लिया। 9 साल की उम्र में ही अक्षत ने अंडर-14 में अशोकनगर को फाइनल में जितवाया। इसके बाद शुरू हुआ अक्षत का प्रोफेशनल क्रिकेट का सफर।
टीम के हरफनमौला खिलाड़ी अनुभव अग्रवाल मूलत: बुंदेलखंड के छतरपुर से हैं। अनुभव ने छोटी उम्र में खेलना शुरू किया, लेकिन 14 साल की उम्र में प्रोफेशनल क्रिकेट की तरफ रुख किया। कोच भुवन शुक्ला ने बताया कि अनुभव पहले से ही प्रतिभाशाली हैं, लेकिन उसका चयन नहीं हो पाता था।
मध्यप्रदेश के लिए शतक लगाने वाले यश दुबे का सफर भी आसान नहीं था। अच्छा खेलने के बाद भी उन्हें भोपाल की टीम जगह नही मिल रही थी जिस कारण उन्होंने होशंगाबाद का रुख किया। होशंगाबाद से डिवीजन खेले और अब एमपी टीम में तक अपनी जगह बना चुके हैं। यश सीजन में देश के सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाडियों में तीसरे नंबर पर हैं।