युद्ध का असर रूसी खिलाड़ियों पर, IPC ने किया रूस और बेलारूस को Paralympic से बैन

Manisha Kumari Pandey
Published on -

नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। गुरुवार को अंतरराष्ट्रीय पैरालंपिक समिति (IPC) ने एक बड़ी घोषणा की है। जिसके मुताबिक रूस और  बेलारूस के खिलाड़ियों को पैरालंपिक खेलों में भाग लेने से प्रतिबंधित कर दिया गया है। फिलहाल यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध के माहौल है, जिसका असर शीतकालीन ओलंपिक (Winter paralympic) खेलों पर भी पड़ा है। हालांकि शुक्रवार को इससे पहले आईपीसी ने यह ऐलान किया था कि, शीतकालीन पैरालंपिक खेलों में रूस और बेलारूस की खिलाड़ी भी भाग ले पाएंगे, लेकिन 24 घंटों के अंदर ही आईपीसी ने अपना फैसला बदल लिया।

यह भी पढ़े… Russia Ukraine Crisis: इन ऑटोमोबाइल कंपनियों ने रूस में अपना परिचालन किया बंद

शुक्रवार को पैरालंपिक खेल आयोजित होने वाले हैं। IPC पिछली घोषणा के मुताबिक, बिना अपने देश के नाम और ध्वजा का इस्तेमाल करते हुए रूसी और बेलारूसी खिलाड़ी खेल का हिस्सा बन सकते थे, लेकिन इस फैसले के कारण उसकी काफी आलोचना की गई, जिसके बाद IPC को अपना यह फैसला बदलना पड़ा और अब उसने रूसी और बेलारूसी खिलाड़ियों को पूरी तरीके से बैन कर दिया है।

यह भी पढ़े… यूक्रेन में फंसे MP के 454 में से 202 बच्चे वापस लौटे, नरोत्तम मिश्रा ने दी जानकारी -अधिकारी लगातार संपर्क में

आईपीसी के अध्यक्ष एंड्रयू परसंस का कहना है कि, पिछले 24 घंटों में कई सदस्यों ने उनसे संपर्क किया और कहा कि यदि आईपीसी अपने फैसले पर पुनर्विचार नहीं करता है, तो उसके गंभीर परिणाम भी भुगतने पड़ सकते हैं। जिसके बाद आईपीसी ने रूसी और बेलारूस के खिलाड़ियों को को पूरी तरीके से बैन कर दिया है।


About Author
Manisha Kumari Pandey

Manisha Kumari Pandey

पत्रकारिता जनकल्याण का माध्यम है। एक पत्रकार का काम नई जानकारी को उजागर करना और उस जानकारी को एक संदर्भ में रखना है। ताकि उस जानकारी का इस्तेमाल मानव की स्थिति को सुधारने में हो सकें। देश और दुनिया धीरे–धीरे बदल रही है। आधुनिक जनसंपर्क का विस्तार भी हो रहा है। लेकिन एक पत्रकार का किरदार वैसा ही जैसे आजादी के पहले था। समाज के मुद्दों को समाज तक पहुंचाना। स्वयं के लाभ को न देख सेवा को प्राथमिकता देना यही पत्रकारिता है।अच्छी पत्रकारिता बेहतर दुनिया बनाने की क्षमता रखती है। इसलिए भारतीय संविधान में पत्रकारिता को चौथा स्तंभ बताया गया है। हेनरी ल्यूस ने कहा है, " प्रकाशन एक व्यवसाय है, लेकिन पत्रकारिता कभी व्यवसाय नहीं थी और आज भी नहीं है और न ही यह कोई पेशा है।" पत्रकारिता समाजसेवा है और मुझे गर्व है कि "मैं एक पत्रकार हूं।"

Other Latest News