नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। WhatsApp की नई प्रायवेट पॉलिसी का मामला अभी सुलझा नहीं था कि अब विश्व के सबसे बड़े सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक (Facebook ) ने अपनी ट्रांसपेरेंसी रिपोर्ट में बड़ा खुलासा कर सबको चौंका दिया है।फेसबुक का दावा है कि भारत सरकार ने वर्ष 2020 की दूसरी छमाही में 40,300 बार यूजर्स का डाटा मांगा गया है।इसके बाद भारत का स्थान दूसरे नंबर पर पहुंच गया है।
फेसबुक कंपनी की एथिक्स कमेटी की इस रिपोर्ट के मुताबिक , यह संख्या दुनिया में अमेरिका (America) की ओर से सर्वाधिक 61,262 बार किए गए रिक्वेस्ट के बाद दूसरे नंबर पर है। इतना ही नहीं जनवरी से जून 2020 की तुलना में डाटा में 13.3 फीसदी बढ़ोतरी हुई है, इस दौरान भारत ने 35 हजार 560 यूजर्स के डेटा मांगे थे।
फेसबुक रिपोर्ट (Facebook Transparency Report) कहती है कि भारत ने जुलाई से दिसंबर 2020 के बीच कुल 40 हजार 300 अनुरोध भेजे थे। इनमें से 37 हजार 865 अनुरोध कानूनी प्रक्रिया वाले थे और 2 हजार 435 अनुरोध इमरजेंसी डिस्क्लोजर वाले। यूजर्स के डेटा देने के सबसे ज्यादा अनुरोध करने वालों में हालांकि, भारत दूसरे पायदान पर है। पहले नंबर पर अमेरिका है जिसने जुलाई-दिसंबर 2020 के बीच कुल 61 हजार 262 यूजर्स के डेटा मांगे।
दरअसल, भारत सरकार (Indian Government) ने 37,865 बार यूजर डाटा की मांग कानूनी प्रक्रिया के तहत की तो 2,435 बार आपात आवश्यकता के तहत मांगा गया । 2020 की दूसरी छमाही में पूरी दुनिया में 1,91,013 बार यूजर डाटा मांगा गया। यह पहली छमाही से करीब 10% ज्यादा है।
बता दे कि अमेरिकी कंपनी फेसबुक ने पिछले साल ही जुलाई से दिसंबर 2020 के बीच में भारत के सूचना प्रसारण मंत्रालय (Ministry of Information Broadcasting of India) के निर्देशों पर 878 बार ऑनलाइन सामग्री पर रोक लगाई गई थी, इनमें 10 पर लगी रोक अस्थायी थी और 54 पर अदालती आदेश के तहत रोक लगाई गई।