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25 नवंबर को ध्वजारोहण समारोह से करोड़ों के कारोबार की उम्मीद, मोदी-योगी का विज़न “तीर्थनगरी अयोध्या धाम अब एक प्रमुख आर्थिक केंद्र भी”

Written by:Banshika Sharma
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 25 नवंबर को अयोध्या में श्री राम मंदिर के शिखर पर ध्वज फहराएंगे। इस समारोह से शहर की अर्थव्यवस्था में करोड़ों की वृद्धि और युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा होने का अनुमान है। विकास परियोजनाओं के चलते अयोध्या में रिवर्स माइग्रेशन भी देखा जा रहा है।
25 नवंबर को ध्वजारोहण समारोह से करोड़ों के कारोबार की उम्मीद, मोदी-योगी का विज़न “तीर्थनगरी अयोध्या धाम अब एक प्रमुख आर्थिक केंद्र भी”

लखनऊ: अयोध्या में श्री राम मंदिर निर्माण के बाद अब 25 नवंबर को होने वाला ध्वजारोहण समारोह शहर के विकास में एक नया अध्याय लिखने जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस दिन मंदिर के शिखर पर भगवा ध्वज फहराएंगे। इस भव्य आयोजन के मद्देनजर देश-विदेश से बड़ी संख्या में पर्यटकों और श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है, जिससे अयोध्या की अर्थव्यवस्था को बड़ी गति मिलने का अनुमान है।

यह समारोह सिर्फ एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि शहर के आर्थिक और सामाजिक पुनर्जागरण का प्रतीक बन रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विजन के तहत हो रहे विकास कार्यों से अयोध्या अब तीर्थनगरी के साथ-साथ एक प्रमुख आर्थिक केंद्र के रूप में भी उभर रहा है।

अर्थव्यवस्था और पर्यटन को मिलेगी नई रफ्तार

ध्वजारोहण समारोह के दौरान अयोध्या में करोड़ों रुपये के कारोबार का अनुमान है। पर्यटकों की भारी आमद से होटल, रेस्टोरेंट, टूर एंड ट्रैवल्स, स्थानीय परिवहन और गाइड सेवाओं की मांग में भारी उछाल आने की संभावना है। उत्तर प्रदेश में अयोध्या-वाराणसी-प्रयागराज के धार्मिक पर्यटन सर्किट में 2017 के बाद से पर्यटकों की संख्या में 361% से अधिक की वृद्धि दर्ज की गई है। अनुमान है कि अगले कुछ वर्षों में राज्य का पर्यटन सेक्टर 70,000 करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है।

युवाओं के लिए रोजगार और रिवर्स माइग्रेशन

अयोध्या का विकास स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के असीमित अवसर लेकर आया है। पहले जहां युवा रोजगार के लिए महानगरों का रुख करते थे, वहीं अब पर्यटन और उससे जुड़े क्षेत्रों में अवसर बढ़ने से यह पलायन रुका है। गाइडिंग, फोटोग्राफी, सोशल मीडिया प्रबंधन, इवेंट मैनेजमेंट और होटल उद्योग में हजारों युवाओं को काम मिल रहा है। यह बदलाव ‘रिवर्स माइग्रेशन’ का एक मजबूत संकेत है, जहां युवा अपने शहर लौटकर सम्मानजनक आजीविका कमा रहे हैं। कई बाहरी कंपनियां भी अब अयोध्या में अपनी शाखाएं खोलने में रुचि दिखा रही हैं।

तेज विकास, मजबूत होता इन्फ्रास्ट्रक्चर

अयोध्या को भविष्य की जरूरतों के हिसाब से तैयार किया जा रहा है। शहर में कई बड़ी विकास परियोजनाएं चल रही हैं, जिनमें 4,403 करोड़ रुपये की लागत से ‘राम वन गमन पथ’ का निर्माण और 2,182 करोड़ रुपये का ग्रीनफील्ड टाउनशिप प्रोजेक्ट शामिल है। शहर की बढ़ती आबादी को ध्यान में रखते हुए योजनाएं बनाई जा रही हैं। अनुमान है कि अयोध्या की वर्तमान 11 लाख की आबादी 2031 तक 24 लाख और 2047 तक 35 लाख तक पहुंच जाएगी।

ODOP और स्थानीय कला को नई पहचान

उत्तर प्रदेश सरकार की ‘एक जिला, एक उत्पाद’ (ODOP) योजना ने अयोध्या के स्थानीय उत्पादों को वैश्विक पहचान दिलाई है। अयोध्या का गुड़, काष्ठकला, गुलाब उत्पाद और धार्मिक स्मृति चिह्नों की मांग देश-विदेश में बढ़ी है। स्थानीय कारीगरों, शिल्पकारों और महिला स्वयं-सहायता समूहों को इससे सीधा लाभ मिल रहा है। Amazon और Flipkart जैसे ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म के जरिए अब ये उत्पाद दुनिया भर के बाजारों तक पहुंच रहे हैं, जिससे कारीगरों की आय में वृद्धि हुई है और उनकी कला को सम्मान मिला है।