साधुओं के भेष में पुलिसकर्मी! प्रयागराज महाकुंभ की सुरक्षा को लेकर अघोरी से लेकर महात्मा तक हर रूप में सजग उत्तर प्रदेश पुलिस, बाहुबली भी मैदान में

प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान सुरक्षा व्यवस्था को चाक चौबंद रखने के लिए पुलिस ने अपनी रणनीतियों में बहुत ही अनोखा तरीका अपनाया है। जिससे कि महाकुंभ में किसी भी प्रकार की कोई अप्रिय घटना हो तो उससे बचाव किया जा सके।

Bhawna Choubey
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Mahakumbh 2025: साल 2025 में उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में 12 साल बाद महाकुंभ मेले का आयोजन होने जा रहा है। इस महाकुंभ मेले में भारी संख्या में भक्तजनों और श्रद्धालुओं के आने का अनुमान लगाया जा रहा है, जिसके चलते सुरक्षा को लेकर पुलिस ने खास इंतजाम किए हैं। खासतौर पर आतंकवादी घटनाओं से बचाने के लिए पुलिस ने कई स्तरों पर चौकसी बढ़ा दी है।

कड़ी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पुलिसकर्मियों को अलग-अलग भेष में तैनात किया गया है, कुछ पुलिसकर्मी संत बनकर भेष बदलकर महाकुंभ में मौजूद रहेंगे, तो वहीं कुछ संतों के सेवक के रूप में महाकुंभ मेले में शामिल होंगे। सुरक्षा को लेकर इस तरह से जोरो-शोरों से तैयारी चल रही है, जिससे कि महाकुंभ का आयोजन शांति से हो सके।

अप्रिय घटनाओं से निपटने की योजना

कुछ रिपोर्टर्स के मुताबिक ऐसा बताया जा रहा है कि कुछ असामाजिक तत्व साधु संत के भेष में सुरक्षा में खलल डाल सकते हैं, जिसके चलते पुलिसकर्मी भी अलग-अलग भेष में रहेंगे। कोई पुलिसकर्मी भगवा वस्त्र पहने नजर आएगा, तो कोई अघोरी रूप में नजर आएगा।

इतना ही नहीं कुछ पुलिसकर्मी रसोईया बनकर भी गतिविधियों पर अपनी नजर रखेंगे। पुलिस कर्मियों के द्वारा किया गया यह प्रयास महाकुंभ के दौरान होने वाले किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना से बचा सकता है।

कड़ाके की ठंड में पुलिसकर्मी बावर्ची के रूप में नजर आएंगे, तो कोई चपरासी या सफाई कर्मी बनकर अपनी जिम्मेदारी निभाता नजर आएगा। महाकुंभ मेले में मौजूद 13 प्रमुख अखाड़े की सुरक्षा पर कड़ा ध्यान रखा जाएगा। इस तरह महाकुंभ मेले में शामिल होने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा की जिम्मेदारी यूपी पुलिस ले रही है।

योगी सरकार की महाकुंभ सुरक्षा रणनीति

इस तरह योगी सरकार ने महाकुंभ की सुरक्षा के लिए पूरी तरह से तैयारी को अंतिम रूप दिया है, ताकि कोई भी खतरा भक्तों की आस्था को प्रभावित न कर सके। अधिक जानकारी के लिए आपको बता दें, कि किसी भी प्रकार का अगर आसमानी खतरा होता है तो ऐसे में यूपी पुलिस ने इसके लिए ब्रह्मास्त्र तैयार किया है। इस सिस्टम का काम महाकुंभ के आसमान में उड़ रहे संदिग्ध ड्रोन को ट्रैक करना और उन्हें नष्ट करना है।

एंटी ड्रोन सिस्टम से खतरे का सफाया

अगर किसी भी प्रकार का कोई संदिग्ध ड्रोन आसमान में पाया जाएगा , तो यह सिस्टम उसे पहचानकर रेडियो फ्रीक्वेंसी तरंगों के माध्यम से उस ड्रोन का रिमोट कनेक्शन काट देगा, जिससे वह ड्रोन अपने आप धरती पर गिर जाएगा। आपको बता दें, इस सिस्टम की रेंज करीब 10 किलोमीटर तक है और 4 किलोमीटर के दायरे में इसे पूरी तरह से कंट्रोल किया जा सकता है।

ड्रोन उड़ाने के लिए पुलिस से अनुमति जरूरी

आसमान में ड्रोन उड़ने से पहले पुलिस से अनुमति लेनी होगी। अगर किसी के पास अनुमति नहीं है तो एंटी ड्रोन सिस्टम उसे पकड़ लेगा। आपको बता दें, महाकुंभ में चार अलग-अलग एंटी ड्रोन सिस्टम लगाए गए हैं जो 24 घंटे आसमान में किसी भी ड्रोन को उड़ने नहीं देंगे। केवल आसमान में वही ड्रोन उड़ पाएंगे जिन्होंने पुलिस से अनुमति मांगी है।

ऐसा पहली बार होगा जब महाकुंभ मेले में इस तरह की कड़ी सुरक्षा के इंतजाम किए जाएंगे। चाहे खतरा जमीन का हो या फिर आसमान का यूपी पुलिस की ताकत और तैयारी से किसी भी तरह की हमले का सामना किया जा सकेगा।


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Bhawna Choubey

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इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं।मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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