MP Breaking News
Mon, Dec 15, 2025

गाजीपुर में विधायक और डॉक्टर के बीच तीखी नोकझोंक, अस्पताल जांच के दौरान भड़का विवाद

Written by:Saurabh Singh
डॉ. योगेंद्र यादव ने विधायक के रवैये पर आपत्ति जताते हुए न केवल उनकी बातों को नजरअंदाज किया, बल्कि इस्तीफे की धमकी तक दे डाली। उन्होंने विधायक पर असभ्य भाषा का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया और बिना किसी हिचक के बैठक छोड़कर चले गए।
गाजीपुर में विधायक और डॉक्टर के बीच तीखी नोकझोंक, अस्पताल जांच के दौरान भड़का विवाद

उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में सुभासपा विधायक बेदीराम ने जखनिया के एक सरकारी अस्पताल का दौरा किया, जहां उन्होंने गंदगी और अव्यवस्था को देखकर नाराजगी जताई। अस्पताल के प्रभारी डॉ. योगेंद्र यादव को फटकार लगाने की कोशिश में विधायक ने उन पर सरकारी मंशा के अनुरूप काम न करने का आरोप लगाया। लेकिन बात बिगड़ते ही डॉ. यादव ने विधायक को करारा जवाब देते हुए कहा, “आपके जैसे कई विधायक देखे हैं,” और फिर अपनी नौकरी छोड़ने की बात कहकर वहां से चले गए। विधायक बेदीराम कुर्सी पर बैठे रह गए, जबकि मामला तूल पकड़ गया।

मामला तब और गर्माया जब डॉ. योगेंद्र यादव ने विधायक के रवैये पर आपत्ति जताते हुए न केवल उनकी बातों को नजरअंदाज किया, बल्कि इस्तीफे की धमकी तक दे डाली। उन्होंने विधायक पर असभ्य भाषा का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया और बिना किसी हिचक के बैठक छोड़कर चले गए। यह घटना स्थानीय स्तर पर चर्चा का विषय बन गई, क्योंकि डॉक्टर के इस साहसिक कदम ने विधायक की साख को चुनौती दी। वहीं, विधायक बेदीराम ने अस्पताल के अन्य कर्मचारियों को व्यवस्था सुधारने के निर्देश दिए।

डिप्टी सीएम तक पहुंचा विवाद

सुभासपा विधायक बेदीराम, जो ओम प्रकाश राजभर की सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी से जखनिया सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं, ने इस घटना की शिकायत उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक से करने की बात कही। उन्होंने डॉ. योगेंद्र यादव पर सरकारी कामकाज में लापरवाही का आरोप लगाया और कार्रवाई की मांग की। यह विवाद अब उच्च स्तर पर पहुंच गया है, जिससे इस मामले में प्रशासनिक हस्तक्षेप की संभावना बढ़ गई है।

अब कौन पड़ेगा भारी

यह नोकझोंक अब गाजीपुर में चर्चा का केंद्र बन गई है, जहां यह देखना बाकी है कि विधायक बेदीराम अपने राजनीतिक प्रभाव से डॉक्टर पर कार्रवाई करवा पाएंगे या डॉ. योगेंद्र यादव अपने रुख पर कायम रहकर विधायक को चुनौती देंगे। इस घटना ने स्थानीय प्रशासन और जनता के बीच सवाल खड़े किए हैं कि अस्पताल की अव्यवस्था के लिए जिम्मेदारी कौन लेगा और इस विवाद का अंत कैसे होगा। यह मामला न केवल प्रशासनिक बल्कि राजनीतिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण हो गया है।