बिहार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी माँ के खिलाफ अभद्र टिप्पणी वीडियो वायरल होने के बाद देहरादून की राजनीति गरमा गई है। BJP अरुणाचल प्रदेश की कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस प्रकार की भाषा का मंच प्रदान किया। वहीं कांग्रेस ने इसको राजनीति से भटकाने की कोशिश बताया। दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर जमकर निशाना साधा।
पटना और अन्य जगहों पर BJP कार्यकर्ताओं ने रोड शो, कैंडल मार्च, और प्रदर्शन कर विरोध जताया। भाजपा महिला मोर्चा ने कहा कि ऐसी भाषा नितांत अस्वीकार्य है, और कांग्रेस को माफी माँगनी चाहिए। कांग्रेस ने पलटवार किया और कहा कि BJP इस विवाद को उठाकर वास्तविक मुद्दों को दबाना चाह रही है। अभियान के पीछे कांग्रेस का कहना है कि बिहार में मतदाताओं की भूख और वोट चोरी जैसे मुख्य मुद्दे हैं।
व्यापक विरोध
असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने इसे नारी शक्ति का अपमान बताया और कहा कि यह भाषा स्वीकार्य नहीं हो सकती। बिहार से लेकर उत्तराखंड तक इस मामले ने सीधी राजनीतिक धार बना ली है। उत्तराखंड की राजधानी में भी यह मुद्दा गरम रहा। स्थानीय कांग्रेस और BJP नेताओं ने सोशल मीडिया के माध्यम से बयानबाजी की, जहाँ भाजपा ने जन भावनाओं की अपील की, जबकि कांग्रेस नेताओ ने झूठे आरोपों के खिलाफ आग उगला दी।
‘लोकतंत्र नहीं चलेगा इस तरह’
मुख्य विपक्षी दलों का कहना है कि लोकतंत्र का सम्मान होना चाहिए, और इस तरह की भाषा सामाजिक मानवीकरण को बिगाड़ती है। आम जनता को भी लोकतांत्रिक ढंग से प्रतिक्रिया देने की अपील की गई। इस मुद्दे पर मीडिया ने तेजी से कवरेज किया और सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद अभिव्यक्ति की सीमा और राजनीतिक नैतिकता पर बहस छिड़ गई। लोगों ने दो समूहों में विभाजन महसूस किया- जहां कुछ ने BJP का समर्थन किया, तो कुछ ने विपक्ष का।





