6 साल के बच्चे को भूख लगी, पापा के मोबाइल से कर दिया 80 हजार का खाना ऑर्डर

The child ordered online food worth 80 thousand : जैसे हर मर्ज की एक दवा का जुमला सुना है हमने..वैसे आजकल हर काम के लिए मोबाइल हो गया है। चाहे टिकट बुक कराना हो, पैसे ट्रांसफर करने हो, शॉपिंग, गेमिंग से लेकर खाना मंगाने तक लगभग हर काम मोबाइल के जरिए हो जाता है। और अगर बच्चों की बात करें तो जैसे ये उनके हाथ का खिलौना बन गया है। कई बार तो बच्चे खाना भी तभी खाते हैं जब उनके हाथ में मोबाइल हो। बच्चों को मोबाइल के बारे में बड़ों से ज्यादा पता होता है, और उनके पेरेंट्स इसे बड़े गर्व से बताते भी हैं। लेकिन बच्चों को मोबाइल से खेलने देने की आदत कई बार महंगी भी पड़ सकती है।

अमेरिका में एक शख्स को ये आदत करीब 80,000 (1000 डॉलर) की पड़ी। द गार्जियन की एक रिपोर्ट के अनुसार मिशिगन में रहने वाले कीथ स्टोनहाउस ने अपने बच्चे को खेलने के लिए अपना मोबाइल दिया था। इसी दौरान बच्चे को भूख लगी और उसने पापा के मोबाइल से करीब 80 हजार रूपये का खाना ऑनलाइन ऑर्डर कर दिया। कीथ स्टोनहाउस ने बताया कि उनके घर के बाहर कुछ गाड़ियां आकर रूकी। पहले उन्हें लगा कि उनकी पत्नी ने कुछ मंगाया होगा, लेकिन फिर एक के बाद एक गाड़ियां घर के बाहर आकर रूकने लगी। इसके बाद जब माजरा उनकी समझ में आया तो उनके होश उड़ गए।

Keith Stonehouse ने अपने मोबाइल चेक किया और देखा कि उससे 1000 डॉलर कट चुके हैं और इन पैसों से खाना ऑर्डर किया गया है। इसके बाद उन्हें समझ में आया कि उनके 6 साल के बेटे ने अलग अलग रेस्टॉरेंट्स से ये सारा खाना ऑर्डर किया। इतना ही नहीं..उसने सभी को 25 प्रतिशत टिप भी दी थी। बच्चे ने चिली चीज़ फ़्राइज़, जम्बो श्रिम्प, पिज्ज़ा, चिकन पिटा सैंडविच सहित कई चीजें ऑर्डर कर दी। घर पर फूड डिलीवरी वैन की लाइन लग जाने के बाद कीथ को समझ नहीं आया कि ये ऑर्डर कैंसिल कैसे करे। ये कोई पहला मामला नहीं है..इससे पहले भी हम कई घटनाओं में देख चुके हैं कि बच्चों ने ऑनलाइन गेमिंग या फिर शॉपिंग के लिए हजारों लाखो रूपये उड़ा दिए। उन्हें पता भी नहीं होता है कि वो कितना खर्च कर रहे है और आजकल ज्यादातर मोबाइल में बैंकिंक ट्रांजेक्शन सुविधा उपलब्ध रहती ही है। इसीलिए बच्चों के हाथ में मोबाइल देने से पहले उन्हें ठीक से समझा देना चाहिए और मोबाइल की लत से भी दूर रखना चाहिए।


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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