ग्रेजुएशन के बाद लड़की ने की कब्रिस्तान में नौकरी, 45 हजार सैलरी

Job in the cemetery : आम तौर पर ग्रेजुएशन करने के बाद युवा नौकरी की तलाश शुरू कर देते हैं। अगर आगे पढ़ना भी हो तो कई लोग जॉब के साथ पढ़ाई जारी रखना पसंद करते हैं। हर किसी का सपना होता है एक ऐसी नौकरी जिसमें अच्छी सैलरी के साथ जॉब सिक्योरिटी, अनुकूल माहौल, बढ़िया ऑफिस और शानदार वर्क प्रोफाइल हो। सरकारी नौकरी से लेकर कॉर्पोरेट सेक्टर और प्राइवेट जॉब तक..सबकी अपनी अपनी चॉइस होती है। लेकिन क्या कभी आपने सोचा है कि कब्रिस्तान में नौकरी की जाए।

खुद को कहती हैं कब्र रक्षक

इस दुनिया में तरह तरह के लोग हैं और सबकी अलग अलग प्राथमिकताएं और जरुरतें हैं। किसी को कॉर्पोरेट सेक्टर में काम करना शानदार लग सकता है तो ये भी मुमकिन है कि किसी को कब्रिस्तान में काम करना सुकूनदेह लगे। ऐसा ही हुआ है चीन की टैन के साथ। 22 साल की टैन ने ग्रेजुएशन किया और उसके बाद कब्रिस्तान में नौकरी कर ली। ये भी 8 से 5 वाली नौकरी है और यहा उन्हें कब्रों की सफाई, अंतिम संस्कार से जुड़ी व्यवस्थाएं, यहां आने जाने वालों का हिसाब रखना और बाकी कुछ संबंधित काम करने होते हैं। काम के बीच में दो घंटे का ब्रेक भी मिलता है। इस काम के लिए उन्हें हर महीने 4,000 युआन (करीब 45 हजार रुपये) मिलते हैं। वो खुद को मजाक में कब्र-रक्षक कहती हैं।

मानसिक सुकून की तलाश में की ये नौकरी

टैन का कहना है कि यहां कुत्ते, बिल्लिया, इंटरनेट और सुकून है। उनका कहना है कि यहां सबसे अच्छी बात है कि किसी तरह की ऑफिस पॉलिटिक्स नहीं है और उन्हें कोई परेशान नहीं करता। उन्हें अपने जीवन में सुकून चाहिए था और वो दफ्तर के शोरगुल से दूर किसी कुदरती जगह काम करना चाहती थी। बस इसीलिए उन्होने पश्चिमी चीन की चोंगकिंग में एक पहाड़ी पर स्थित कब्रिस्तान में अपना ठिकाना ढूंढा और यहां जॉब कर लिया। टैन सोशल मीडिया पर भी काफी एक्टिव है और कब्रिस्तान से अक्सर ही तस्वीरें और वीडियो शेयर करती रहती हैं।

 


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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