Thousand year old artefact found while searching for earring : करीब 55 साल पहले साधना अपना झुमका बरेली में गिरा आई थी। ‘झुमका गिरा रे’ गीत 1966 में सुपरहिट हुआ था और उसके बाद वो कभी भी किसी भी कालखंड में पुराना नहीं हुआ। उसकी मधुरता ने हर पीढ़ी को अपना दीवाना बनाया। इसके बाद 2023 में आई फिल्म रॉकी और रानी की प्रेम कहानी में इस गाने को एक नए अवतार में पेश किया गया और उसने भी उतनी ही धूम मचाई। लेकिन यहां एक और सवाल है…जरुरी तो नहीं कि झुमका सिर्फ बरेली में ही गिरे। वो तो कभी भी गिर सकता है..नॉर्वे में भी।
तलाश रहे थे झुमका
वॉट झुमका…झुमके की ये कहानी है नॉर्वे के एक परिवार की। दरअसल ये अपने घर के बगीचे में एक खोई हुई सोने का झुमका या बाली तलाश कर रहे थे। काफी कोशिश के बाद भी जब उन्हें वो नहीं मिला तो उन्होने अपना अपना मेटल डिटेक्टर बाहर निकालने का फैसला किया। बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, हालांकि उन्हें झुमका तो नहीं मिला लेकिन कुछ और और ही अनमोल चीज़ हाथ लग गई।
मिली बहुमूल्य कलाकृतियां
इन्हें 1000 साल से भी अधिक पुरानी कलाकृतियाँ मिली। आसविक परिवार को एक कटोरे के आकार का बकल और एक अन्य वस्तु मिली जो वाइकिंग-युग से वहां गड़ी हुई थी। विशेषज्ञों का मानना है कि इन कलाकृतियों का उपयोग नौवीं शताब्दी में जोमफ्रूलैंड के छोटे से द्वीप पर एक महिला को दफनाने के दौरान किया गया था। यह खोज नॉर्वे के दक्षिणी तट से दूर, द्वीप पर परिवार के बगीचे के केंद्र में एक बड़े पेड़ के नीचे की गई है। वेस्टफोल्ड और टेलीमार्क काउंटी काउंसिल की सांस्कृतिक विरासत ने एक फेसबुक पोस्ट में लिखा है “हम उस परिवार को बधाई देते हैं जिन्होंने जोमफ्रूलैंड में वाइकिंग-समय की पहली सुरक्षित खोज की।” विशेषज्ञों को पता था कि द्वीप पर सैकड़ों वर्ष पुरानी बस्तियाँ थीं, लेकिन साक्ष्य केवल मध्य युग तक ही मिले थे। इसे लेकर एक विशेषज्ञ का कहना है कि ये बकल 780 और 850 शताब्दी के बीच का है। एक झुमका खोजने के दौरान मिली ये बहुमूल्य कलाकृतियां अब इलाके के आकर्षण का केंद्र बनी हुई है।