आखिर कैसे एक छोटी सी चाबी खोलती है हर ताले का गुरूर, जानिये मैकेनिज्म

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। ‘हम तुम एक कमरे में बंद हो और चाबी खो जाए’..ये गीत भला किसने न सुना होगा। हालांकि ये नायक नायिका की रोमांटिक कल्पना है, लेकिन अगर असल में कभी कोई चाबी (key) खो जाए तो कितनी मुश्किल का सामना करना पड़ता है। महंगे से महंगा, मजबूत से मजबूत ताला (lock) भी बिना चाबी के किसी काम का नहीं। वो चाबी ही है जो अपन इशारों पर घुमाकर ताले का गुरूर खोलती है।

लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर चाबी काम कैसे करती है। ये तो हम सभी को पता है कि हर ताले की चाबी कस्टमाइज़ होती है और दोनों के एक दूसरे के लिए ही खासतौर पर बनाया जाता है। लेकिन की-होल में में जाने के बाद चाबी आखिर ऐसा क्या जादू करती है कि ताले की सारी ऐंठन दूर हो जाती है और वो आसानी से खुल जाता है। ये एक तकनीकी प्रक्रिया है और आज हम आपको यहीं दिखाने जा रहे हैं। इस छोटे से वीडियो से आपको समझ आएगा कि आखिर ताले के भीतर जाने के बाद चाबी कैसे काम करती है। तो आईये इस वीडियो को देखें और जाने कि आखिर चाबी का मैकेनिज़्म क्या है।

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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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