Social Media Viral : बच्चे ने खुद को कार में किया लॉक, सूझबूझ से पिता ने हादसे को टाला

Social Media Viral : अक्सर हमने ऐसे वाकये सुने हैं जहां बच्चे कार के अंदर लॉक हो जाते हैं। ऐसे समय अगर समझदारी से काम न लिया जाए तो किसी हादसे की आशंका से भी इनकार नहीं किया जा सकता। हाल ही में ऐसी ही घटना लुधियाना में एक शख्स के साथ हुई। उन्होने इसे ट्विटर पर शेयर किया है और बताया कि उस वक्त किस सूझबूझ के काम लिया।

सुंदरदीप सिंह नाम के इस शख्स ने बताया कि वो अपने बच्चों को लेने के लिए स्कूल गए थे और तभी ये हादसा हो गया। उन्होने ट्वीट करते हुए लिखा है कि ‘जब मैं अपने 3 साल के बेटे को स्कूल से ले जा रहा था, तो उनमें से एक ने खुद को कार में बंद कर लिया। मैंने कबीर को उठाया, उसे बैग सहित कार के पीछे पीछे बैठाया और तभी यहाँ उसने मुझसे चाबी छीन ली और मैंने दरवाज़ा बंद कर दिया। मैंने कार के अंदर जाने की तमाम कोशिश की लेकिन 4-5 सेकंड में ही कबीर ने चाबी से लॉक का बटन दबा दिया और खुद को अंदर बंद कर लिया। मुझे तुरंत एहसास हुआ कि यह एक आपातकालीन स्थिति है। मैंने कबीर से कार को अनलॉक करने के लिए कहने की कोशिश की लेकिन वह भी डर गया और बार बार लॉक बटन दबाता रहा। इससे चोरी का अलार्म सक्रिय हो गया और उसे और भी अधिक डर लगने लगा। वह रोने लगा और घबरा भी गया। इसी दौरान आसपास के लोग और स्कूल स्टाफ इकट्ठा होने लगे और मेरी मदद करने की कोशिश करने लगे।’

आगे उन्होने लिखा है ‘मैंने स्थानीय वीडब्ल्यू लैली मोटर्स को फोन किया और वे तुरंत चल पड़े। लेकिन यहां पहुंचने में उन्हें कम से कम 30-40 मिनट लगते। मैंने अपने भाई को भी एक्सट्रा चाबी लाने के लिए बुलाया लेकिन चाबी मिलने के बाद भी उसे 15 मिनट लग गए। इस दौरान तमाम बुरे विचार आने के बाद भी मैं सही विकल्पों के बारे में सोचता रहा क्योंकि कार अंदर से गर्म थी और मुझे नहीं पता था कि मेरे पास कितना समय है। फिर मुझे तुरंत एहसास हुआ कि 30 मीटर दूर एक पंचर की दुकान है। मैं वहां भागा और पंचर मैन से सबसे बड़ा हथौड़ा लाने के लिए कहा। हम फिर से साइट पर पहुंचे और मैंने उससे कार के पीछे का शीशा तोड़ने के लिए कहा लेकिन उसने क्वार्टर ग्लास तोड़ने की कोशिश की। तीसरे-चौथे झटके में ही खिड़की का शीशा टूट गया। कार के अंदर कबीर रो रहा था लेकिन फिर भी टूटे शीशे के टुकड़ों से खुद को चोट पहुंचाए बिना वो चाबी सौंपने में कामयाब रहा।’ इस तरह विवेक और संयम से काम लेकर उन्होने एक बड़े हादसे को टाल दिया। ये घटना फिर सबक देती है कि बच्चों के साथ कार में चलते समय अतिरिक्त सावधान रहने की जरुरत है।


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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