भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। आज के समय कार (car) हमारे जीवन का अहम हिस्सा बन गई है। ये जहां सुविधा है वहीं स्टेटस सिंबल भी। दुनियाभर में एक से बढ़कर एक हजारों तरह की कारें हैं। जिसकी जैसी हैसियत और शौक, उसके पास वैसी कार। हर व्यक्ति, क्लास और जरुरत के लिए कारों का बाजार सजा है। आप अपनी मर्जी और जेब की सहूलियत के हिसाब से अपनी कार चुन सकते हैं।
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दुनिया में पहिए का अविष्कार सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। अगर शुरूआती कारों के बारे में बात करें तो हम देखते हैं कि 15वीं शताब्दी में लियोनार्डो दा विंची (Leonardo da Vinci) ने एक स्वचालित वाहन की कल्पना की थी। लेकिन ज्यादातर इतिहासकारों का मत है कि फ्रांस के निकोलस कगनॉट ने 4 किमी प्रति घंटे की गति के साथ भाप से चलने वाली पहली गाड़ी का अविष्कार किया था। निकोलस-जोसेफ कुगनोट को पहला ऑटोमोबाइल निर्माता माना जाता है। उन्होने सन 1769 में बड़ा भाप से चलने वाला वाहन बनाया था जोकि ट्राइसाइकिल की तरह था। इसमें चार लोग सवारी कर सकते थे और ये करीब 4 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से सिर्फ 20 मिनिट चल सकती थी।
पिछले 250 सालों में ऑटोमोबाइल सेक्टर ने इतनी तरक्की की है कि अब कारों या अन्य वाहनों के हजारों मॉडल उपलब्ध हैं। उसपर भी कुछ शौकीन ऐसे होते हैं जो अपने शौक के हिसाब से कार डिजाइन करवाते हैं। आज हम आपको ऐसी ही एक अनोखी गाड़ी दिखाने जा रहे हैं जो सड़क पर निकली तो लोग उसे मुड़ मुड़कर देखने लगे। इसे देखकर लग रहा था जैसे उल्टी कार चल रही है। इसमें पहिए ऊपर की ओर थे। लेकिन ध्यान से देखने पर पता चलता है कि कार के नीचे भी छोटे छोटे पहिए हैं जो छिपे हुए से हैं और ऊपर की तरफ जानबूझकर ऐसी डिजाइन बनाई गई है। ये कार काफी अलग है और इसे बनाने वाले का मकसद कामयाब हुआ है क्योंकि ये सड़क पर सभी के आकर्षण का केंद्र बन जाती है।
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