भोपाल/ग्वालियर।
भारतीय जनता पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति ने शनिवार को ग्वालियर सीट समेत तीन अन्य सीटों पर उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया। पार्टी ने ग्वालियर से संघ समर्थक महापौर विवेक शेजवलकर के नाम पर दांव लगाया है। उनके नाम की घोषणा के साथ ही विरोध भी शुरू हो गया है। कार्यकर्ताओं का आरोप है कि पार्टी वंशवाद को प्रथमिकता दे रही है।
दरअसल, ग्वालियर सीट से वर्तमान सांसद और केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने इस बार मुरैना से चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर की थी। जिसके बाद से ही बीजेपी और संघ में मंथन शुरू हो गया था। पार्टी तीन नामों पर विचार कर रही थी। इसमें महापौर विवेक शेजवलकर का नाम रेस में सबसे आगे था। उनके बाद पूर्व मंत्री माया सिंह और मुरैना सांसद अनूप मिश्रा का नाम भी शामलि था। लेकिन इस सीट पर संघ की पसंद का उम्मीदवार उतारे जाने का दबाव था। जिसके बाद अंत में पार्टी ने शेजवलकर के नाम पर ही मुहर लगाई।
पिछले विधानसभा चुनाव से संघ को यह ज्ञान हो गया कि ग्वालियर-चंबल संभाग में आपसी गुटबाजी एवं एक-दूसरे को पटखनी देने के चलते यहां पर सूपड़ा साफ हो गया। इसलिए ग्वालियर सीट से एक न्यूट्रल प्रत्याशी मैदान में उतार जाए, ऐसी रणनीति संघ ने बनाई। जिसकें चलते संघ ने महापौर विवेक नारायण शेजवलकर का नाम केन्द्रीय चुनाव समिति को सुझाया। इस नाम पर केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर से लेकर अन्य वरिष्ठ नेताओं ने भी अपनी सहमति दी। हालांकि पूर्व मंत्री माया सिंह एवं सांसद अनूप मिश्रा के नाम पर कुछ स्थानीय नेताओं का विरोध और संघ की ओर से भी इन दोनों नामों पर अपनी आपत्ति के चलते पार्टी इन नामों पर विचार नहीं किया। आखिर में संघ की पसंद पर पार्टी ने ग्वालियर सीट से महापौर विवेक नारायण शेजवलकर के नाम को हरी झंडी दी।
सांसद बनने की उम्मीद
विवेक नारायण शेजवलकर सन् 1998 में पूर्व विधानसभा से चुनाव लड़े थे। जिन्हें कांग्रेस के रमेश अग्रवाल ने करीब 317 वोटों से हरा दिया था। विवेक शेवजलर भाजपा के जिला अध्यक्ष से लेकर जीडीए के चैयरमैन रहे हैं। साथ ही दो बार ग्वालियर महापौर का चुनाव लड़ा है और जीत दर्ज कराई है। वर्तमान में वे माहपौर है। विधायक नहीं बन सके मेयर शेजवलकर को अब सांसद बनने की उम्मीद है। हालांकि मेयर शेजवलकर के पिताश्री नारायण कृष्ण शेजवलकर ग्वालियर से सांसद रहे थे।
टिकट की घोषणा के साथ ही विरोध शुरू
विवेक शेजवलकर का ग्वालियर से लोकसभा प्रत्यासी बनाए जाने पर भाजपा कार्यकर्ताओं ने विरोध शुरू कर दिया है और पार्टी पर अरोप लगाते हुए कहा कि पार्टी ने एक बार फि र वंशवाद को प्राथमिकता दी है। भाजपा कार्यकर्ता ने अरोप लगाते हुए कहा है कि पार्टी ने विवेक शेजवलकर को दो बार महापौर, एक बार जीडीए अध्यक्ष, एक बार पार्टी का जिलाध्यक्ष एवं एक बार विधायक का टिकट दिया। जिसमें वह हार गए। इन सभी पदों पर वह सर्वाधिक फेल साबित होने के बावजूद भी उन्हें एक बार फिर सांसद का टिकट गया है। क्योकि वह नारायण कृष्ण शेजवलकर के पुत्र है।