दरअसल मध्यप्रदेश में कल से पूर्ण टीकाकरण की शुरुआत की जाएगी। प्रदेश का पहला टीकाकरण फ्रंटलाइन कर्मचारियों सहित स्वास्थ्य और सफाई कर्मचारियों को दिया जाएगा। पहले टीकाकरण के बाद 28 दिन के भीतर दूसरी बार टीकाकरण किया जाएगा। वही वर्कशॉप में स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी और चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग भी शामिल रहे। केंद्रीय मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने कोरोना वैक्सीनेशन से पहले सभी को शुभकामनाएं दी है और उन्होंने कहा है कि किसी भी परिस्थिति में नकारात्मक नहीं होना है। अभी हमें पॉजिटिव रहने की जरूरत है। बता दें कि टीकाकरण से पहले ऑनलाइन कार्यक्रम का संचालन वैक्सीनेशन की जानकारी और इसकी सतर्कता को लेकर किया गया था।
वही स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी ने कहा कि आज शाम तक सभी के पास एसएमएस के जरिए जानकारी भेजी जाएगी। वही टीकाकरण लगने वाले फ्रंटलाइन कर्मचारियों के थर्मल स्क्रीनिंग के बाद ही उन्हें टीकाकरण की प्रक्रिया में शामिल किया जाएगा। डॉ प्रभुराम चौधरी ने कहा कि वेक्सिन लगवाने वाले कर्मचारियों को 45 दिन तक सावधानी बरतने की जरूरत है। स्वास्थ्य मंत्री चौधरी ने कहा कि फ्रंटलाइन अधिकारियों के बाद 50 साल की उम्र से अधिक लोगों को वैक्सीन लगाया जाएगा क्योंकि कोरोना का सबसे ज्यादा खतरा 50 साल से अधिक लोगों को है। स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी ने कहा कि टीकाकरण की टीम तैयार की गई है। वैक्सीन पूरी तरह से सुरक्षित तरीके से की जाएगी। जिनको ज्यादा रिस्क है उनको पहले, जिन्हें कम रिस्क है उन्हें बाद में उपलब्ध करायी जाएगी।
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स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी ने कहा कि प्रदेश में जब से वैक्सीन लगने के लिए आयी है लोगों में खुशी का वातावरण है। सभी लोगों से मैं सहयोग की अपील करता हूं। देश के वैज्ञानिकों ने मेहनत के बाद इसे तैयार किया है। सब लोग मिलकर इस बीमारी से विजय प्राप्त करेंगे। मध्यप्रदेश में उपलब्ध वैक्सीन की जानकारी देते हुए डॉक्टर प्रभु राम चौधरी ने बताया कि हमें वैक्सीनेशन के 5 लाख 6 हजार 500 डोज प्राप्त हो चुके हैं। भोपाल डिविजन में 94000, इंदौर डिविजन में 1 लाख 52 हजार, ग्वालियर में 1लाख 9 हजार 500, जबलपुर में 1 लाख 51 हजार पहुंचाए गए हैं।
वहीँ मंत्री विश्वास सारंग का कहना है कि तीन चरणों में इसे व्यवस्थित किया है। जो लिस्ट में है। उन्हें एसएमएस आना शुरू हो जाएंगे। कल 10:30 पीएम नरेंद्र मोदी देश को संबोधित करेंगे। वैक्सीनेशन की पूरी तैयारी हो चुकी है। कल का दिन ऐतिहासिक होगा। पूरी समीक्षा हो चुकी है। ये वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित है। विश्वास सारंग ने कहा कि केंद्र सरकार ने जो हमें गाइडलाइन दी कि हम अपनी कोड चैन को डेवलप करें। अक्टूबर 2020 में हमें ये निर्देश दिया गया था। दोनों हमने व्यवस्थित की है। प्रदेश के जो स्टोर हैं। भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर के बाद जिलों में भी व्यवस्थित की है।
विश्वास सारंग ने कहा कि सबसे महत्वपूर्ण है वैक्सीन बनाना और लगाना। आमतौर पर किसी वैक्सीन को डेवलप करने में 6 से 7 साल लगते हैं लेकिन हमारे वैज्ञानिकों ने 1 साल में इसे तैयार किया है। 4 और वैक्सीन आने की तैयारी में हैं जो आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना को साकार करेंगी। इसके साथ ही ऑनलाइन कंपनी जैसे अमेज़न, फ्लिपकार्ट को वैक्सीन पहुंचाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। दूरदराज के इलाकों में वैक्सीन के ऑर्डर मिलने पर ऑनलाइन कंपनियां उन जगह पर वैक्सीन उपलब्ध कराएगी।