इंदौर, आकाश धोलपुरे। मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के इंदौर (Indore) की देपालपुर विधानसभा (Depalpur Assembly) में रविवार को पूर्वघोषित कार्यक्रम के अनुसार पूर्व सीएम और पीसीसी अध्यक्ष कमलनाथ इंदौर पहुंचे। देपालपुर में आयोजित ट्रैक्टर रैली और सभा के आयोजन के पहले उन्होंने राज्य और केंद्र सरकार (State And Central Government) पर सवाल उठाए।
बता दे कि मध्यप्रदेश में केंद्रीय कृषि कानूनों (Agricultural laws) के खिलाफ कांग्रेस (Congress) द्वारा लगातार दूसरे दिन विरोध स्वरूप बड़ा आयोजन किया जा रहा है। जहां एक दिन पहले शनिवार को राजभवन (Government House) के घेराव के दौरान भोपाल में जमकर हंगामा खड़ा किया गया। रविवार को इंदौर में कांग्रेस ने ट्रैक्टर रैली के जरिये विरोध जताया।
सभा के पहले मीडिया से बातचीत के दौरान पूर्व सीएम कमलनाथ (Former CM Kamal Nath) ने मीडिया (Media) से बात कर कहा कि किसानों (Farmers) की आवाज को कुचलने का प्रयास किया गया है और बीजेपी (BJP) समझ नही रही है कि सबसे बड़ा वर्ग अपने देश मे किसान है। जिस प्रकार से कृषि क्षेत्र के निजीकरण करने का प्रयास है इसलिए तीनो काले कानूनों को लेकर लाखो किसान दिल्ली के बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे है।
उन्होंने कहा कि नए कानूनों से प्रदेश और देश की अर्थव्यवस्था (Economy) की तबाही होगी। वही उन्होंने कहा इंदौर की आर्थिक गतिविधि कमजोर होगी क्योंकि यहां किसान आता है खरीदी करने तब ही इंदौर सहित बड़े शहरों के बाजार चलते है और ये सब चौपट होने जा रहा है इसका कांग्रेस विरोध कर रही है।
वही मंत्री विश्वास सारंग (Minister Vishwas Sarang) द्वारा भोपाल में एकत्रित भीड़ के मामले आरोप लगाया है कि शनिवार जो भीड़ एकत्रित हुए थी वो सब यूथ कांग्रेस (Youth Congress) के गुंडे थे इस सवाल पर कमलनाथ ने कहा कि प्रशासन और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chauhan) के पास कहने को कुछ बचा है। शराब की बात करेंगे क्या, महिलाओं पर अत्याचार ऐतिहासिक है।
उन्होंने कहा कि सबसे ज्यादा महिलाओं पर अत्याचार मध्यप्रदेश में हो रहे है, सबसे ज्यादा बेरोजगारी (Unemployment मध्यप्रदेश में है ये आज के हालात है। ऐसे में मैं तो एक ही अपील करता हूँ मध्यप्रदेश की जनता से कि भविष्य सुरक्षित रखे और सच्चाई को पहचानें और सच्चाई का साथ दें।
Indore News : भोपाल के बाद इंदौर में कांग्रेस का हल्लाबोल, 1000 ट्रैक्टरों के साथ सड़कों पर उतरी pic.twitter.com/bldIcLBhAM
खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते।
"कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ।
खबरों के छपने का आधार भी हूँ।।
मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ।
इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।।
दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ।
झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।"
(पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)