मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) ने कहा है कि भारत को वर्ष 2024 तक 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थ-व्यवस्था बनाने के लिए मध्यप्रदेश इस साल 10 लाख करोड़ के सकल घरेलू उत्पाद के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए संकल्पित है। नीति आयोग के छह सूत्री एजेंडा को समय-सीमा में प्रदेश में व्यवहारिक रूप दिया जाएगा। प्रदेश में 30 लाख हेक्टेयर में फैले बिगड़े वन क्षेत्र में निजी सहयोग से वन विकसित करने और सौर ऊर्जा(Energy) उत्पादन के लिए पहल की जा सकती है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि अनुपयोगी सार्वजनिक संपत्तियों का तार्किक और वैज्ञानिक तरीके से मॉनिटाइजेशन करके इससे प्राप्त राशि का उपयोग विकास कार्यों में करना समय की आवश्यकता है। नीति आयोग द्वारा राज्यों के साथ विचार-विमर्श कर उनकी परस्थितियों और उनकी आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए छह सूत्री एजेंडे का निर्धारण स्वागत योग्य है। शिक्षा (Education) और स्वास्थ्य (Health) के क्षेत्र में नयी पहल करने की आवश्यकता बताई। प्रदेश में आकांक्षी जिलों के साथ-साथ 50 आकांक्षी विकासखण्डों में भी विकास गतिविधियाँ जारी हैं।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि कोरोना काल में प्रधानमंत्री मोदी द्वारा दिए गए आत्म-निर्भरता के मंत्र के परिपालन में हमने आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के निर्माण की दिशा में तत्काल कार्य आरंभ किया। नीति आयोग के सहयोग से वेबिनार्स आयोजित कर रोडमैप तैयार किया। इसके चार आधार स्तंभ भौतिक अधोसंरचना, शिक्षा और स्वास्थ्य, सुशासन, रोजगार (Employment) और अर्थ-व्यवस्था निर्धारित किए गए। इन क्षेत्रों में निर्धारित लक्ष्य समय-सीमा में प्राप्त किए जाएंगे। प्रदेश में इस दिशा में हो रहे कार्यों और स्व-सहायता समूहों की गतिविधियों की जानकारी देते हुए इसे आंदोलन का रूप देना आवश्यक है।
मुख्यमंत्री ने सभी को नल से जल और हर घर को छत जैसे लक्ष्य लेकर राज्यों द्वारा एक साथ कार्य आरंभ करने का सुझाव दिया। इससे कुछ प्राथमिकताएँ पूरा देश (Country) एक साथ प्राप्त करने में सफल हो सकेगा। भारत को ग्लोबल मेन्युफेक्चरिंग हब बनाने के लिए मध्यप्रदेश में ‘स्टार्ट योर बिजनेस इन थर्टी डेज’ व्यवस्था आरंभ की गयी है। इज ऑफ डूईंग बिजनेस की अवधारणा को धरातल पर उतारने का काम हमें करना है। स्थानीय युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए उन्हें आवश्यक प्रशिक्षण देकर कौशल विकसित करना आवश्यक है। इसके लिए प्रदेश में ग्लोबल स्किल पार्क विकसित किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री चौहान ने जिलों के हुनर और विशेषताओं को देखते हुए ‘एक जिला-एक उत्पाद’ पर आरंभ कार्यों के अंतर्गत अमरकंटक क्षेत्र में मिलने वाली वन औषौघियों, नीमच-मंदसौर (Neemuch-Mandsaur) में लहसुन, बुरहानपुर (Burhanpur) में केले के उत्पाद के बेहतर व्यापार के लिए किये जा रहे कार्यों की जानकारी दी।प्रदेश की और से आश्वस्त किया कि जिस प्रकार मध्यप्रदेश में दालों का उत्पादन हुआ, उसी प्रकार खाद्य तेल में आत्म-निर्भरता के लिए भी भरपूर प्रयास किये जाएंगे। जैविक खेती, प्राकृतिक खेती और जीरो बजट(Budget) की खेती भी देश के लिए जरूरी है।