दरअसल प्रदेश में सरकारी तबादलों पर लगे प्रतिबंध को 1 महीने के लिए हटाया जा रहा है। इस दौरान नई तबादला नीति के तहत प्रदेश में तबादले किए जाएंगे। बता दें कि नई तबादला नीति 2021 तैयार की जा चुकी है। जिसे जल्द ही कैबिनेट में पेश किया जाएगा। वहीं तबादला नीति में कुछ अहम बदलाव हुए हैं।
तबादला नीति में पहले बदलाव यह है कि अगर किसी क्लास वन ऑफिसर (class 1 officer) का तबादला किसी द्वेष भावना, जानबूझकर किया जाता है तो अधिकारी इस मामले की शिकायत मुख्य सचिव से लेकर मुख्यमंत्री (chiefminister) तक कर सकेंगे और उनके इस मामले का निराकरण वहीं पर सीएम द्वारा किया जाएगा। हालांकि यह नियम अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों (All India Service Officers) पर लागू नहीं होंगे।
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वहीं जिन भी कर्मचारियों के तबादले मार्च 2020 से मार्च 2021 के बीच हुए हैं। जिले के प्रभारी मंत्री द्वारा उनका तबादला अब सीधे तौर पर नहीं किया जा सकेगा। ऐसे अधिकारी कर्मचारियों के तबादले करने के लिए अब जिले के प्रभारी मंत्री को मुख्यमंत्री की स्वीकृति लेनी होगी। वही सीएम की स्वीकृति के बाद ही अधिकारी कर्मचारी का तबादला किया जाएगा।
इसके अलावा नई तबादला नीति 2021 में पुलिस व वन विभाग को शामिल किया गया है। पर डिप्टी एसपी (deputy sp) के नीचे के तबादले पुलिस स्थापना बोर्ड (Police Establishment Board) द्वारा किया जाएगा और इसके लिए मंत्री के अनुमोदन जारी किए जाएंगे। वहीं डिप्टी एसपी और उसके सीनियर अफसरों की फाइल प्रभारी मंत्री की मंजूरी के बाद ही मुख्य सचिव या मुख्यमंत्री तक पहुंचाई जाएगी।
इसके अलावा नई नीति के तहत कोरोना से गंभीर बीमार हुए सरकारी कर्मी को तबादले में छूट दी जा सकती है। हालांकि अभी यह नियम कुछ बीमारी पर लागू है। जिसके बाद यह छूट सिर्फ नियमित जांच कराने वाले कर्मियों को ही मिलती है अब इस पर सरकार नई नीति बना रही है।
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वहीं नई नीति के तहत शिक्षा विभाग को तबादला नीति 2021 से बाहर रखा जाएगा। माना जा रहा है कि कुछ प्रावधानों के साथ स्कूल शिक्षा (school education board) और उच्च शिक्षा विभाग (higher education board) को सरकार अलग तबादला नीति जारी करने के निर्देश दे सकती है।
वहीं सूत्रों की माने तो तबादला नीति को कैबिनेट में पेश किए जाने के बाद ही मंत्रियों को जिले का प्रभार सौंप दिया जाएगा। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सीएम बजट सत्र (budget session) के बाद संगठन से चर्चा कर मंत्रियों को प्रभार बांट सकते हैं। बता दें कि मंत्रियों को जिले का प्रभार पिछले 8 महीने से अटका हुआ है। जिस पर अब जल्द ही निर्णय लिया जा सकता है।