जिला प्रशासन की बड़ी कार्रवाई, तीन अस्पतालों के पंजीयन निरस्त, डॉक्टर पर FIR के निर्देश

निजी अस्पताल

ग्वालियर, अतुल सक्सेना। ग्वालियर जिला प्रशासन ने चार प्राइवेट अस्पतालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है। सीएमएचओ ने कोरोना मरीजों के इलाज में लापरवाही बरतने वाले, कोरोना प्रोटोकॉल का उल्लंघन करने वाले, रेमडेसिवीर इंजेक्शन की कालाबाजारी करने वाले तीन प्राइवेट अस्पतालों के पंजीयन निरस्त कर दिये हैं। साथ ही एक डॉक्टर द्वारा नियम विरुद्ध रेमडेसिवीर इंजेक्शन पर्चे पर लिखने पर उसके खिलाफ FIR दर्ज करने के निर्देश दिये है।

ग्वालियर में कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज सरकारी अस्पतालों के साथ साथ प्राइवेट अस्पताल भी कर रहे हैं  जिला प्रशासन मे उन्हें इसकी अनुमति भी दी है लेकिन साथ में चेतावनी भी दी है कि प्राइवेट अस्पतालों को कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करना होगा और जिला दंडाधिकारी एवं शासन के आदेशों का पालन करना होगा। लेकिन ग्वालियर में पिछले दिनों देखने में आया कि कुछ अस्पताल मरीजों को बे वजह रेमडेसिवीर इंजेक्शन और आक्सीजन लाने के लिए दबाव बना रहे हैं। कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी कौशलेंद्र विक्रम सिंह के निर्देश पर सीएमएचओ डॉ मनीष शर्मा ने जब शिकायतों की जांच कराई तो लोटस अस्पताल और श्रद्धां नर्सिंग होम के खिलाफ ऐसी शिकायतें सच मिली। लोटस अस्पताल तो आक्सीजन उपलब्ध कराने में भी लापरवाह मिला। जिसके बाद सीएमएचओ ने दोनों के पंजीयन निरस्त कर दिये।


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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....