ग्वालियर, अतुल सक्सेना। बेटियों की रक्षा के दावे करने वाले मध्यप्रदेश में एक बेटी की गुहार लेकर सीएम से सिंधिया तक किसी ने नहीं सुनी। बेटी ने ट्वीट कर कहा था कि ग्वालियर के बिरला अस्पताल की लापरवाही से उसके पिता की जान चली गई है और अब उसकी मां के साथ भी लापरवाही बरती जा रही है। अस्पताल वालों ने लूट मचा राखी है कोई मेरी मदद करो। लेकिन किसी ने ग्वालियर की बेटी की गुहार नहीं सुनी और वही हुआ जिसका उसे डर था , उसकी मां भी अस्पताल की लापरवाही से चल बसी। मामला यहीं नहीं थमा अस्पताल ने लाखों का बिल थमा दिया। सूचना मिलने पर कांग्रेस विधायक अस्पताल पहुंचे प्रबंधन को फटकार लगाई और पूरे पैसे वापस दिलाये। विधायक ने कलेक्टर से नर्स और डॉक्टर्स पर FIR की मांग की है।
ग्वालियर में चैरिटी के सबसे बड़े अस्पताल बिरला अस्पताल (BIMR) में लापरवाही बड़ा मामला सामने आया है। अस्पताल की लापरवाही से एक हँसता खेलता परिवार उजाड़ गया , बच्चे अनाथ हो गए। पहले पिता का साया उठा अब मां का भी निधन हो गया। ग्वालियर के रहने वाले अखंड अग्रवाल और वर्तिका अग्रवाल के पिता और मां का निधन बिरला अस्पताल (BIMR) में हो गया। वर्तिका और अखंड का कहना है कि अस्पताल (Hospital) की लापरवाही ने उनके माता पिता की जान ले ली, अस्पताल ने लूट मचा रखी है।
दरअसल वर्तिका और अखंड मां वंदना अग्रवाल का करीब 15 दिन भर्ती रहने के बाद आज शनिवार को निधन हो गया। अखंड अग्रवाल ने बताया कि 1 बजकर 17 मिनट पर मेरी मां से बात हुई तब वे ठीक थी 1 बजकर 30 मिनट पर 4 लाख 70 हजार रुपये का बिल थमाने के बाद हमसे कहा गया कि आपकी मां को वेंटिलेटर पर ले रहे हैं। हमने कहा कि अपने अटेंडर को तो बताया होता, मैंने कलेक्टर को फोन किया कलेक्टर ने कहा कि काम से काम एक बच्चे को तो पहले मिलने दीजिये जब मेरी बहन अंदर गई तो मां की संश जा चुकी थी। वर्तिका ने कहा कि अस्पताल वाले वेन्टीलेटर के नाम पर पैसे बनाना चाहते थे।
अस्पताल से घर जाते ही पिता जी का निधन हो गया
वर्तिका ने बताया कि उन्होंने अपनी मां को 17 अप्रैल को भर्ती कराया था उन्हें तीन दिन बाद डिस्चार्ज कर दिया गया लेकिन 24 को तबियत बिगड़ने पर फिर बिरला अस्पताल में भर्ती कराया , इन बीच अस्पताल की लापरवाही से पापा जी का इसी अस्पताल में निधन हो गया। पापा को 14 अप्रैल को माइल्ड कोविड की शिकायत पर प्रिकॉशन के लिए भर्ती कराया था 27 को अस्पताल ने कहा कि आपके पापा कोविड फ्री हैं लेकिन कोई टेस्ट नहीं किया हम 28 को पापा को घर ले गए और 15 मिनट बाद ही उनका निधन हो गया।
सीएम शिवराज सिंह, सिंधिया को ट्वीट किया
वर्तिका ने बताया कि उन्होंने मां की बिगड़ती हालत देखकर 7 मई को सीएम शिवराज सिंह चौहान, सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया, चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग, कलेक्टर ग्वालियर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह को ट्वीट कर गुहार लगाई कि मेरी मदद कीजिये लेकिन ग्वालियर की बेटी की गुहार किसी ने नहीं सुनी और उनका निधन हो गया। वर्तिका और अखंड ने कहा कि हमारे ट्वीट का ये परिणाम हुआ कि अस्पताल ने हमारी मां को रेमडेसिवीर इंजेक्शन लगा दिया और हमसे कहा कि हमें ट्रायल किया है।
She is the only parent left and we can't lose her because of hospital negligence😭 They don't even change her wet clothes and give her medicines on time. Please help🙏 Attenders details: Akhand : 9039881169 Vertika : 8319967373
वंदना अग्रवाल की निधन से पहले अस्पताल का एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें एक नर्स इंजेक्शन लगा रही है और बात करते हुए कह रही है कि आप कुछ दिनों की मेहमान है। वीडियो सामने आने के बाद वर्तिका और अखंड ने कार्स और डॉक्टर पर कार्रवाई की मांग की है।
कांग्रेस विधायक पहुंचे अस्पताल, लगाई फटकार, पैसे दिलाये वापस
वंदना अग्रवाल के साथ हुई घटना की जानकारी मिलते ही ग्वालियर पूर्व के कांग्रेस विधायक डॉ सतीश सिंह सिकरवार (Congress MLA Dr Satish Sikarwar) बिरला अस्पताल (BIMR) पहुंचे उन्होंने पूरी बात सुनाने और समझने के बाद बिरला अस्पताल के डायरेक्टर गोविन्द देवड़ा को कड़ी फटकार लगाई और कहा कि आपका अस्पताल ट्रस्ट का अस्पताल है आपने तो लूट मचा रखी है, विधायक डॉ सतीश सिंह सिकरवार (Congress MLA Dr Satish Sikarwar)ने अस्पताल द्वारा वंदन अग्रवाल के इलाज के लिए लिए गए पूरे पैसो को वापस कराया और मौके पर ही चैक दिलवाया। विधायक डॉ सतीश सिंह सिकरवार (Congress MLA Dr Satish Sikarwar) ने मौके पर ही मौजूद कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह से कहा कि अस्पताल की नर्स और डॉक्टर के खिलाफ FIR की जाये। उधर अस्पताल प्रबंधन ने भी मरीज को अपशब्द कहने वाली नर्स के खिलाफ कार्रवाई की बात कर रहा है।
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Atul Saxena
पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....
पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....