भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। केन्द्रीय श्रम मंत्रालय (Union Ministry of Labor) ने कर्मचारियों (Government Employee) को लेकर बड़ी घोषणा की है। श्रम मंत्रालय ने रविवार ऐलान करते हुए कहा है कि अब EPFO एवं ESIC कर्मचारियों के आश्रितों को भी केंद्र सरकार (Central Government) पेंशन देगी।इस संबंध में श्रम मंत्रालय की तरफ से आज रविवार को आदेश जारी कर दिए गए है।
केंद्रीय श्रम मंत्रालय ने अपने जारी आदेश में कहा है कि जो कर्मचारी EPFO और ESIC के तहत आते हैं, उन्हें कोरोना महामारी को देखते हुए कुछ अतिरिक्त सुविधाएं दी जाएंगी। ये सुविधाएं ईएसआईसी और ईपीएफओ के अंतर्गत दी जाएंगी।वही इन अतिरिक्त सुविधाओं के लिए कर्मचारियों को अलग से कोई शुल्क नहीं चुकाना होगा। जो कर्मचारी इंप्लॉई स्टेट इंश्योरेंस कॉरपोरेशन (ESIC) के अंतर्गत आते हैं, उनके डिपेंडेट या उनके आश्रितों को भी पेंशन दी जाएगी।
इसके तहत जो कर्मचारी ईपीएफओ के तहत इंप्लॉई डिपॉजिट लिंक्ड इंश्योरेंस स्कीम (EDLI) से जुड़ा होगा, उसके सम एस्योर्ड को 6 लाख से बढ़ाकर 7 लाख रुपये कर दिया गया है। साथ ही जो कर्मचारी इंप्लॉई स्टेट इंश्योरेंस कॉरपोरेशन (ESIC) के अंतर्गत आते हैं, उनकी कोरोना से मृत्यु होने पर उनके आश्रितों को भी पेंशन दी जाएगी।
मंत्रालय के जारी आदेश में कहा गया है कि कर्मचारी ( Employee 2021) के सभी आश्रित जिनका नाम कर्मचारी के कोरोना बीमारी की चपेट में आने और इसका इलाज शुरू होने से पहले ESIC से ऑनलाइन पोर्टल पर दर्ज है, उन्हें पेंशन के नए नियम के तहत पेंशन की सभी सुविधाएं दी जाएंगी। ये सुविधाएं कर्मचारी की मृत्यु के बाद शुरू हो जाएंगी।
इसके लिए दो शर्तें- पहला, ESIC का कर्मचारी ऑनलाइन पोर्टल (Online Portal) पर कम से कम तीन महीने से रजिस्टर्ड होना चाहिए। रजिस्ट्रेशन की अवधि कोरोना पॉजिटव होने और इलाज के दौरान मृत्यु से 3 महीने पहले की निर्धारित की गई है। दूसरा, कर्मचारी को नियोक्ता की तरफ से कम से कम 78 दिन तक मेहनताना और ईएआई के अंशदान का फायदा मिला हो, 24 मार्च, 2020 से इस सुविधा को प्रभावी कर दिया गया है जो अगले 2 साल तक जारी रहेगी।
इसके अलावा अगर कर्मचारी ने किसी कंपनी में लगातार 12 महीने काम किया है तो उसकी मृत्यु के बाद उसके परिवार के सदस्यों को 2.5 लाख रुपये का बीमा मिलता है। 1 साल के इस नियम के चलते कॉन्ट्रेक्ट पर काम करने वाले या कैजुअल श्रमिकों को 2.5 लाख की इस बीमा सुविधा का लाभ नहीं मिल पाता था, अब वे भी इस बीमा के हकदार हों।
— Ministry of Labour (@LabourMinistry) May 30, 2021
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Pooja Khodani
खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते।
"कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ।
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मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ।
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दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ।
झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।"
(पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)