भोपाल, गौरव शर्मा। माधवराव सिंधिया..एक ऐसे राजनीतिज्ञ जो अपने अल्पायु जीवन में पूरी ताकत के साथ जन सेवा करते रहे और आज उनके ना होने के बाद भी उनके नाम से बने संगठन में कोरोना काल में हजारों लोगों का जीवन बचाने का काम किया है। ग्वालियर चंबल अंचल में माधवराव सेवा संस्थान पूरी शिद्दत के साथ लोगों की तकलीफें दूर करने का काम कर रहा है।
80 के दशक में एक युवा नेता के समर्थन में ग्वालियर चंबल संभाग में एक नारा गूंजता था “हर दिल पर नाम लिख दिया, माधवराव सिंधिया” सहज, सरल, सौम्य व आकर्षक व्यक्तित्व के धनी माधवराव उस दौर में ऐसे राजनेता थे जिन्हें देखने के लिए छोटे-छोटे कस्बों में भी हजारों की भीड़ उमड़ पड़ती थी। जब वह केंद्र में मंत्री बने, एक अलग ही विलक्षण कार्यशैली से उन्होंने न केवल संबंधित मंत्रालय पर अपनी छाप छोड़ी बल्कि क्षेत्र का अभूतपूर्व विकास भी किया। 2001 में एक विमान दुर्घटना में उनकी असामयिक मृत्यु पूरे देश को स्तब्ध कर देने वाली थी। माधवराव के बाद उनकी राजनीतिक विरासत संभालने वाले उनके पुत्र ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी कमोबेश पिता की राह ही पकड़ी और अंचल के साथ अपने संबंधों को कभी कमजोर नहीं होने दिया। ज्योतिरादित्य आज भी अक्सर कहते हैं कि राजनीति उनके लिए जन सेवा से बढ़कर कुछ नहीं।
कोरोना आपदा काल में स्वर्गीय माधवराव सिंधिया के नाम पर पहले से स्थापित कैलाश वासी माधवराव सिंधिया स्वास्थ्य सेवा मिशन ने अभूतपूर्व काम किया। ग्वालियर चंबल अंचल के हर जिले में माधवराव सिंधिया स्वास्थ्य सेवा मिशन के द्वारा कोविड केयर सेंटर बनाए गए जहां हर जिले में हजारों लोगों की देखरेख की गई। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इन कोविड केयर सेंटर की स्थापना के समय कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की विचारधारा सेवा ही संगठन है, इस आधार पर यह जनसेवा चलती रहेगी। कोरोना की लहर समाप्त होने के बाद अब यह कोविड केयर सेंटर वैक्सीनेशन सेंटर के रूप में परिवर्तित हो गए हैं और यहां पार्टी के कार्यकर्ता लोगों को प्रेरित कर व्यापक स्तर पर वैक्सीनेशन कराने का काम कर रहे हैं। बीजेपी प्रदेश कार्यसमिति सदस्य डॉ रमेश दुबे का कहना है कि सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया व्यक्तिगत रूप से प्रत्येक सेंटर की रोजाना मॉनिटरिंग करते हैं और अगले दिन के लिए कार्यकर्ताओं को निर्देशित भी करते हैं। सेवा का यह प्रकल्प स्वर्गीय माधवराव सिंधिया जैसे व्यक्तित्व को आज भी लोगों के दिलों में संजोये हुए हैं।
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श्रुति कुशवाहा
2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।