भाजपा संसदीय दल की बैठक में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने इस मुद्दे को उठाया है। बैठक में स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि अगले महीने से देश में बच्चों के लिए कोरोना वैक्सीनेशन का अभियान शुरू किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि जल्द ही भारत दुनिया का सर्वाधिक कोरोना वैक्सीन बनाने वाला देश बन जाएगा। देश में अनेकों कंपनियों को वैक्सीन बनाने के लिए लाइसेंस दिया जा रहा है।
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विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना की चेन तोड़ने के लिए बच्चों को वैक्सीनेट करना एक बड़ा कदम होगा। कोरोना की तीसरी लहर की चेतावनी के बीच स्कूल खोलने के लिए भी यह अहम होगा। आपको बता दें, इससे पहले एम्स के चीफ डॉ. रणदीप गुलेरिया ने बच्चों की वैक्सीन को सितंबर तक मंजूरी मिलने की उम्मीद जताई थी। उन्होंने कहा था कि भारत बायोटेक की कोवैक्सिन और जायडस कैडिला की वैक्सीन के बच्चों पर ट्रायल चल रहे हैं। इनमें से कोवैक्सिन की ट्रायल के नतीजे सितंबर तक आने की उम्मीद है।
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जानकारी के अनुसार 2 से 18 वर्ष के बच्चों पर कोवैक्सीन टीके के परीक्षण की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। उम्मीद जाहिर की जा रही है कि सितंबर में बच्चों के टीकाकरण की प्रक्रिया शुरू हो सकती है। इस बीच अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के डाक्टर वयस्कों की तरह बच्चों की भी बीमारियों व उम्र के आधार पर वरीयता सूची तैयार कर टीकाकरण की सलाह दे रहे हैं। अगर ऐसा होता है तो 12 से 18 वर्ष के बच्चों के साथ मोटापे व अन्य पुरानी बीमारियों से पीड़ित बच्चों को वैक्सीन लगाने में प्राथमिकता दी जा सकती है।