रतलाम, मनोज श्रीवास्तव। रतलाम (Ratlam) की जावरा पुलिस (Jaora Police) ने अवैध शराब (illegal liquor) की एक ऐसी फैक्ट्री पकड़ी है। जिसे एक अन्तर्राज्यीय गिरोह (interstate gang) संचालित कर रहा था। पुलिस को अभी गिरोह के तीन सदस्य ही हाथ लगे है। जबकि 6 की तलाश जारी है। मंदसौर जहरीली शराब कांड (Mandsaur Poisonous Liquor Scandal) के बाद मुख्यमंत्री (CM) द्वारा दिये गए अवैध शराब माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश के बाद रतलाम की जावरा पुलिस की यह बड़ी कार्रवाई है।
गौरतलब है कि 20 जून की रात्रि को माननखेड़ा पुलिस चौकी क्षेत्र में एक पिकअप वाहन दुर्घटना ग्रस्त हुआ था। जिसमें पुलिस को 209 पेटी अवैध देशी शराब मिली थी। पुलिस ने इस मामले में प्रकरण दर्ज किया था। पुलिस ने इस मामले में वाहन मालिक आरोपी ईश्वर सिंह और उसके पुत्र को गिरफ्तार किया था। इन दोनों से की गई पूछताछ के बाद पुलिस ने मंदसौर के ग्राम कमालिया से नरेंद्र सिंह को गिरफ्तार किया। आरोपी नरेन्द्र सिंह ने पूछताछ में बताया कि वह यह शराब रतलाम जिले के ग्राम उमठ पालिया निवासी मोइन खान से मंगवाता था। नरेंद्र ने बताया कि उसके घर के पीछे बने तहखाने में भी शराब रखी हुई है। पुलिस ने वहां से 58 पेटी अवेध शराब जब्त की।
जिसके बाद पुलिस ने आरोपी मोइन खान की गिरफ़्तारी पर दस हजार का इनाम घोषित किया और तलाश शुरू कर दी थी। इसी बीच सूचना मिली कि ग्राम सोहन गड में सुरेश पाटीदार के खेत पर बने एक कमरे में अवैध रूप से शराब बनाने की फैक्ट्री संचालित की जा रही है। इस सूचना पर जावरा औद्योगिग क्षेत्र थाना पुलिस ने दबिश दी। यहां से पुलिस को मोइन खान, सुरेश पाटीदार और प्रभुलाल पाटीदार मिले। जहां से पुलिस ने तीनो को पकड़ा। पुलिस को जगह से 60 लीटर देशी शराब, यूरिया खाद, नोशादर, स्प्रिट ड्रम, टँकीया, शराब के खाली क्वार्टर, ढक्कन, लेबल ओर दो वाहन मिले जिन्हें जब्त किया। घटना स्थल से एक आरोपी अनोखीलाल पाटीदार भागने में सफल रहा। पुलिस ने इन सभी के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू की। वहीं जांच में पता चला कि आरोपी मोइन खान से चार पांच माह पहले जीवनसिंह और रणजीतसिंह की एक ढाबे पर मुलाकात हुई थी। और वहीं यह तय हुआ को लॉकडाउन में शराब की फैक्ट्री लगाने से फायदा होगा। ये इस घटनाक्रम का एक बड़ा हिस्सा रहा। वहीं एसपी ने बताया की अब नकली असली शराब की पहचान होना भी संभव है।
जीवनसिंह ने इस संबंध में मोइन के देवास रहने वाले तीन मामा शादाब, सादिक और जावेद से बात की। देवास निवासी इन तीनो का अवैध शराब का बड़ा कारोबार है और इनके द्वारा मध्य प्रदेश सहित गुजरात, राजस्थान में अवैध शराब सप्लाई की जाती है। इसके बाद इन तीनो के सहयोग से ग्राम सोहनगड में सुरेश पाटीदार के खेत पर बना कमरा एक लाख रुपये प्रतिमाह के किराए पर लिया गया। अवैध शराब बनाने की सामग्री देवास निवासी आरोपियों ने उपलब्ध कराई थी। पुलिस ने इन सभी के खिलाफ भी प्रकरण दर्ज कर इनकी तलाश शुरू कर दी है। इनकी गिरफ़्तारी पर दस-दस हजार का इनाम भी घोषित किया है। साथ ही रतलाम एसपी गौरव तिवारी ने एक बड़ी बात बताई की अब एक मोबाइल नंबर से पहचान हो जाएगी की शराब नकली है या असली।