रायसेन, डेस्क रिपोर्ट। सोमवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan)की अध्यक्षता में हुई कलेक्टर-कमिश्नर्स की वीडियो कॉन्फ्रेंस (Collector-Commissioner video conference) के बाद आगामी त्यौहारों को देखते हुए रायसेन कलेक्टर अलर्ट हो गए है और उन्होंने सभी एसडीएम, तहसीलार तथा नायब तहसीलदारों को निर्देश दिए है कि वे बिना पूर्व अनुमति के मुख्यालय नहीं छोड़ सकेंगे।वही आज से शुरु होने वाली जन सुनवाई में जिला पंचायत सीईओ पीसी शर्मा सहित सभी कार्यालय प्रमुखों, SDM, तहसीलदार, जनपद सीईओ तथा CMO को निर्देश दिए गए हैं।
आगामी त्यौहार को दृष्टिगत रखते हुए रायसेन कलेक्टर अरविन्द कुमार दुबे (Raisen Collector Arvind Kumar Dubey) द्वारा सभी एसडीएम (SDM), तहसीलार तथा नायब तहसीलदारों को बिना पूर्व अनुमति के मुख्यालय नहीं छोड़ने तथा अवकाश पर नहीं जाने के निर्देश दिए गए हैं। आगामी दिवसों एवं माहों में सर्वपितृ मोक्ष अमावस्या, दुर्गा उत्सव, दशहरा, मिलाद-उन-नवी एवं दीपावली सहित अन्य त्यौहार हैं। इन त्यौहारों के दौरान विभिन्न धार्मिक स्थलों, नदी, तालाबों आदि स्थलों पर श्रृद्धालुओं द्वारा स्नान, दान, पूजा-अर्चना की जाती है तथा जुलूस आदि के साथ मूर्ति विसर्जन किया जाता है।
इस दौरान अधिक जनसमुदाय एकत्रित होने से कानून व्यवस्था (Low And Order) की स्थिति निर्मित होने की संभावना बनी रहती है, ऐसे में आगामी त्यौहारों के दौरान बिना अनुमति के मुख्यालय नहीं छोड़ने और अवकाश पर प्रस्थान नहीं करने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए गए हैं। साथ ही मैदानी अमले को भी अपने मुख्यालय पर उपस्थित रहकर संवेदनशील जानकारी संकलित कर वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराए जाने के संबंध में निर्देश दिए गए हैं।
इसके अलावा रायसेन कलेक्टर ने आज से प्रत्येक मंगलवार को आयोजित होने वाली जनसुनवाई के प्रभावी एवं सुचारू कियान्वयन के संबंध में जिला पंचायत सीईओ पीसी शर्मा सहित सभी कार्यालय प्रमुखों, SDM, तहसीलदार, जनपद सीईओ तथा CMO को निर्देश दिए गए हैं।जनसुनवाई में प्रत्येक कार्यालय प्रमुख का स्वयं उपस्थित होना अनिवार्य है। अपरिहार्य परिस्थितियों में अधिकारियों द्वारा अपने समक्षक प्राधिकृत अधिकारी को जनसुनवाई में भेजा जा सकता है, लेकिन इसके लिए एक दिवस पूर्व कारण सहित लिखित में अनुमति लेना अनिवार्य है।
उन्होंने सभी अधिकारियों को प्राप्त आवेदनों का निराकरण 7 दिवस में सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए हैं। निराकरण जनसुनवाई पोर्टल पर इस अवधि में दर्ज कराना अनिवार्य है। प्राप्त आवेदनों के निराकरण की रिपोर्ट कार्यालय प्रमुख द्वारा उसी सप्ताह के शनिवार को कलेक्टर के समक्ष प्रस्तुत करना होगा, जिसकी समीक्षा प्रति सोमवार को आयोजित होने वाली TL में की जाएगी। प्राप्त आवेदन पत्रों में से 10 आवेदन पत्रों को टॉप-टेन के अंदर चिन्हांकित किया जाएगा जिनका निराकरण 48 घण्टे में किया जाएगा। जारी किए गए निर्देशों के पालन में उदासीनता या लापरवाही बरतने पर संबंधित अधिकारियों के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी।