India Press Freedom Report:- मध्यप्रदेश पत्रकारों पर होने वाले हमलों की लिस्ट में दूसरे नंबर पर , 16 पत्रकार हमले दर्ज किये गये

Manisha Kumari Pandey
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नई दिल्ली , डेस्क रिपोर्ट।  हाल ही में इंडिया प्रेस फ्रीडम – 2021 रिपोर्ट जारी किया गया  । इसे  राइट्स एंड रिस्क एनालिसिस ग्रुप द्वारा जारी किया गया था। रिपोर्ट के मुताबिक, देश में 13 मीडिया हाउस और अखबारों को निशाना बनाया गया, 108 पत्रकारों पर हमला किया गया और 6 पत्रकार मारे गए।

रिपोर्ट के अनुसार सबसे ज्यादा पत्रकार हमले जम्मू-कश्मीर में हुए। जम्मू-कश्मीर को 25 से अधिक हमलों का सामना करना पड़ा। दूसरे स्थान पर उत्तर प्रदेश 23 के साथ था। यूपी के बाद मध्य प्रदेश (16) , त्रिपुरा (15), दिल्ली (8), बिहार (6), असम (5), हरियाणा (4) और महाराष्ट्र (4) था। गोवा (3), मणिपुर (3), कर्नाटक (2), पश्चिम बंगाल (2), तमिलनाडु (2), आंध्र प्रदेश (1), केरल (1), छत्तीसगढ़ (1)। जहां जम्मू-कश्मीर में सबसे ज्यादा हमले हुए  , तो वहीं दूसरी ओर त्रिपुरा में गैर-राज्य तत्वों द्वारा सबसे अधिक हमले किए गए। इसी के साथ आठ महिला पत्रकारों को सम्मन, प्राथमिकी और गिरफ्तारी हुई । और आठ महिला पत्रकारों को सम्मन, प्राथमिकी और गिरफ्तारी का सामना करना पड़ा।

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पत्रकारिता जनकल्याण का माध्यम है। एक पत्रकार का काम नई जानकारी को उजागर करना और उस जानकारी को एक संदर्भ में रखना है। ताकि उस जानकारी का इस्तेमाल मानव की स्थिति को सुधारने में हो सकें। देश और दुनिया धीरे–धीरे बदल रही है। आधुनिक जनसंपर्क का विस्तार भी हो रहा है। लेकिन एक पत्रकार का किरदार वैसा ही जैसे आजादी के पहले था। समाज के मुद्दों को समाज तक पहुंचाना। स्वयं के लाभ को न देख सेवा को प्राथमिकता देना यही पत्रकारिता है। अच्छी पत्रकारिता बेहतर दुनिया बनाने की क्षमता रखती है। इसलिए भारतीय संविधान में पत्रकारिता को चौथा स्तंभ बताया गया है। हेनरी ल्यूस ने कहा है, " प्रकाशन एक व्यवसाय है, लेकिन पत्रकारिता कभी व्यवसाय नहीं थी और आज भी नहीं है और न ही यह कोई पेशा है।" पत्रकारिता समाजसेवा है और मुझे गर्व है कि "मैं एक पत्रकार हूं।"