राजनीतिक समारोह में उड़ रही कोरोना गाइडलाइन की धज्जियां, नहीं हो रहा नियमों का पालन

मंदसौर, तरुण राठौर। कोरोना के नाम पर लोगों पर गाइडलाइन पालन करने की नसियत देने वाली सरकार, खुद के कार्यक्रम में गाइडलाइन की धज्जियां उड़ाती नजर आई है। जबकि त्योहार को लेकर नई गाइडलाईन जारी की जा रही है, जिसमें कम से कम लोग इकठ्ठा हो। परन्तु सरकार ने नेता और उनकी सभा के लिए कोई गाइडलाइन जारी नहीं की है।

गलती से जारी भी की है तो उसको कौनसा नेता  सरकार का मंत्री मान रहा है। जिसका नजारा आज सीतामऊ में देखने को मिला। जहां पर सरकार के मुखिया शिवराज सिंह चौहान खुद उपस्थित थे और उनकी उपस्थिति में सरकार के मंत्री हरदीपसिंह डंग ने मुंह पर बिना मास्क लगाए मंच साजा किया। वहीं उनकी पार्टी के कार्यकर्ता ने भी कोरोना गाइडलाइन पालन नहीं करते हुए कार्यक्रम लोगों का मजमा लगा दिया।


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Gaurav Sharma

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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है। इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।