किसानों ने कृषि अध्यादेश वापस लेने की मांग के साथ किया चक्काजाम, पीएम के नाम ज्ञापन सौंपा

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। केन्द्र सरकार द्वारा 5 जून को लागू किये गये अध्यादेशों का देशभर के किसान विरोध कर रहे है। जहां सरकार इन अध्यादेशों को एक देश एक बाजार के रूप में कृषि सुधार की दशा में एक बड़ा कदम बता रही है, वहीं मध्यप्रदेश भारतीय किसान यूनियन इन अध्यादेशों को कृषि क्षेत्र में कम्पनी राज के रूप में देख रही है। कुछ राज्य
सरकारों द्वारा भी इसों संघीय ढांचे का उल्लघन मानते हुए इन्हें वापिस लिये जाने की मांग कर रही है। देश के अनेक हिस्सों में इसके विरोध में किसान आवाज उठा रहे हैं। इसी सिलसिले में भारतीय किसान यूनियन ने राजधानी भोपाल में प्रदर्शन किया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम एक ज्ञापन सौंपा।

किसानों का कहना है कि कृषि में कानून नियंत्रणए मुक्त विपणन भंडारण आयात-निर्यात उनके हित में नहीं है। इसका खामियाजा देश के किसान विश्व व्यापार संगठन के रूप में भी भुगत रहे हैं। देश में 10-43 44 में बंगाल के सूखे के समय ईस्ट इण्डिया कम्पनी के अनाज भंडारण के कारण 40 लाख लोग भूख से मर गये थे। समर्थन मूल्य कानून बनाने जैसे कृषि सुधारों से किसान का बिचौलियों और कम्पनियों द्वारा किया जा रहा अति शोषण बन्द हो
सकता है और इस कदम से किसानों के आय में वृद्धि होगी।


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।