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Chandra Grahan : 2026 में इस दिन लगेगा साल का पहला चंद्र ग्रहण, भारत में भी दिखेगा, जानें सूतककाल, डेट और टाइम

Written by:Pooja Khodani
2026 में लगने वाला साल का पहला चंद्र ग्रहण भारत में भी दिखाई देगा, इसलिए इसका सूतक काल भी मान्य होगा। आईए जानते है चन्द्र ग्रहण का समय तारीख और सूतककाल के बारें में...
Chandra Grahan : 2026 में इस दिन लगेगा साल का पहला चंद्र ग्रहण, भारत में भी दिखेगा, जानें सूतककाल, डेट और टाइम

Chandra Grahan 2026: ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों नक्षत्रों की तरह ग्रहण का बड़ा महत्व माना जाता है। साल 2025 की तरह 2026 में भी दो चंद्र ग्रहण लगेंगे। 2025 में साल का पहला चन्द्र ग्रहण 14 मार्च और दूसरा 7 सितंबर को लगा था। पहला ग्रहण भारत में दिखाई नहीं दिया था और ना ही सूतककाल मान्य हुआ था। हालांकि दूसरा चन्द्र ग्रहण भारत के अलावा ऑस्ट्रेलिया, यूरोप, न्यूजीलैंड, अमेरिका और अफ्रीका में देखा गया था। 2026 में पहला चन्द्र ग्रहण होली पर लगेगा। आईए जानते है 2026 में लगने वाले पहले चन्द्र ग्रहण की तारीख, समय और सूतककाल के बारें में …

मार्च 2026 में लगेगा साल का पहला चन्द्र ग्रहण

  • पहला चंद्र ग्रहण फाल्गुन पूर्णिमा मंगलवार 3 मार्च 2026 कोलगेगा।यह खण्डग्रास चंद्र ग्रहण होगा और इसी दिन होलिका दहन भी है। भारतीय समयानुसार यह ग्रहण शाम 6 बजकर 26 मिनट से शुरू होकर 6 बजकर 46 मिनट पर खत्म होगा।इसकी अवधि करीब 20 मिनट 28 सेकंड की होगी। सूतक सुबह 9 बजकर 39 मिनट से शुरू होकर शाम 6 बजकर 46 मिनट तक रहेगा।
  • चंद्रमा इस दिन सिंह राशि में होंगे केतु के साथ और राहु की चंद्रमा पर पूर्ण दृष्टि रहेगी। यह ग्रहण भारत के साथ साथ न्यूजीलैंड, रूस,एशिया, ऑस्ट्रेलिया, उत्तरी और दक्षिणी अमेरिका जैसे कई देशों में दिखाई देगा। चूंकि भारत में यह ग्रहण दिखेगा, इसलिए यहां इसका सूतक काल भी मान्य होगा।हालांकि भारत के केवल पूर्वी राज्यों (बंगाल के उत्तर-पूर्वी क्षेत्रों, नागालैण्ड, मिजोरम, असम, मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश आदि) में यह दिखाई देगा।

कब लगता है चन्द्र ग्रहण

  • चंद्र ग्रहण के दौरान सूर्य की परिक्रमा के दौरान पृथ्वी, चांद और सूर्य के बीच आ जाती है, इस दौरान चांद धरती की छाया से पूरी तरह से छुप जाता है।
  • पूर्ण चंद्र ग्रहण के दौरान सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा एक दूसरे के बिल्कुल सीध में होते हैं। इस दौरान जब हम धरती से चांद देखते हैं तो वह हमें काला नजर आता है और इसे चंद्रग्रहण कहा जाता है।
  • आंशिक चंद्र ग्रहण के दौरान सिर्फ चांद का एक भाग पृथ्वी की छाया में प्रवेश करता है। चंद्रमा के धरती की तरफ वाले हिस्से पर धरती की छाया काली दिखाई देती है, कटा हिस्सा दिखाई देता है, तो वह इस पर निर्भर करता है कि किस प्रकार सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा एक सीध में हैं।
  • उपछाया चंद्र ग्रहण के दौरान धरती की छाया का हल्का बाहरी भाग चंद्रमा की सतह पर पड़ता है। इस ग्रहण को देखना कुछ मुश्किल होता है।

ग्रहण के दौरान क्या करना चाहिए और क्या नहीं?

  1. ग्रहण के सूतक काल में पूजा पाठ बंद कर देना चाहिए।
  2. ग्रहण के अवधि के दौरान घर के पूजा वाले स्थान को पर्दे से ढक दें।
  3. ग्रहण में भूलकर भी देवी-देवताओं की पूजा नहीं करना चाहिए।
  4. ग्रहण के दौरान खाना-पीना नही चाहिए।
  5. खाद्य पदार्थों में तुलसी के पत्ते डालकर रखना चाहिए
  6. ग्रहण की समाप्ति के बाद घर और पूजा स्थल को गंगाजल का छिड़काव करके शुद्ध करना चाहिए।
  7. गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के दौरान विशेष सावधानी बरतनी चाहिए, उन्हें घर से
    बाहर नहीं निकलना चाहिए और न ही ग्रहण देखना चाहिए।
  8. ग्रहण के सूतक काल में भोजन बनाना, खाना, सोना, बाल काटना, तेल लगाना,
    सिलाई-कढ़ाई करना और चाकू चलाना नहीं चाहिए।

(Disclaimer : यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं, ज्योतिष, पंचांग, धार्मिक ग्रंथों और जानकारियों पर आधारित है, MP BREAKING NEWS किसी भी तरह की मान्यता-जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है। इन पर अमल लाने से पहले अपने ज्योतिषाचार्य या पंडित से संपर्क करें)