"पत्रकारिता एक चेतना है और मैं सिपाही इसकी" जो लिखा गया वो एक संकेत है और जो नहीं लिखा गया उसे समझना और जनहित में सवाल करना पत्रकारिता! हिंदी पत्रकारिता एक आधारभूत स्तर है जो मानव चेन की कड़ी को जोड़ने के साथ ही साथ इसे एक नई दिशा भी देता है। शब्द विश्लेषणों से लेकर भाषा की गरिमा, आंकलन और जानकारी की वृहदता के साथ व्यावहारिक संरचना का सामना इसकी मूलभूत धरोहर है।लेकिन इन दिनों हिंदी जर्नलिज्म में विज्ञान, खेल, अंतरिक्ष गतिविधियों पर भी खुद को विस्तृत करने की जरूरत है ताकि हम ज्यादा से ज्यादा लोगों के समक्ष खुद को मजबूती प्रदान करें और उन्हें जरूरी, सार्थक और सत्य शैली की जानकारी और कलात्मक सृजन का अनुभव करवा सकें। अनुभव पर क्या कहूं, हर पल, हर क्षण, हर दिन सीखना और स्वयं को ही चुनौती देना, हुनर बस यही है।