तोमर-सिंधिया से बात नहीं बनी तो व्यापारी CM से मिलने भोपाल रवाना, ये है कारण

ग्वालियर, अतुल सक्सेना। कोरोना संक्रमण (Corona Infection) के चलते रियासतकालीन श्रीमंत माधव राव सिंधिया ग्वालियर व्यापार मेले (Shrimant Madhav Rao Scindia Gwalior Trade Fair) के  आयोजन पर लगा कुहासा छंटने का नाम नहीं ले रहा है। मेला व्यापारी संघ, शहर के व्यापारी संगठन, चैंबर ऑफ कॉमर्स(Chamber of Commerce), कैट आदि लगातार मेले के आयोजन के लिए दबाव बना रहे हैं लेकिन अभी तक मेला लगेगा कि नहीं ये तय नहीं है। व्यापारी संगठन पिछले दिनों ग्वालियर प्रवास के दौरान केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) और सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia)को ज्ञापन सौंपा था लेकिन ज्ञापन देने के सात दिन बाद भी मेले के आयोजन को लेकर कोई तारीख तय नहीं हो पाने से नाराज व्यापारी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan ) और उद्योग मंत्री ओम प्रकाश सकलेचा (Om Prakash saklecha) से मुलाकात करने भोपाल रवाना हो गए ।

16 दिसंबर को ग्वालियर प्रवास के दौरान केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर एवं राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा विमानतल पर ग्वालियर व्यापार मेला व्यापारी संघ ने मेला शीघ्र प्रारंभ कराने के संबंध में ज्ञापन सौंपा था। जिसमें दोनों नेताओं ने व्यापारी संघ को आश्वस्त किया था कि मेला शीघ्र प्रारंभ किया जाएगा लेकिन अभी तक मध्य प्रदेश सरकार द्वारा मेला प्रारंभ की घोषणा नहीं की गई जिसके चलते आज मेला व्यापारी संघ के अध्यक्ष महेंद्र भदकारिया एवं मध्यप्रदेश कैट के अध्यक्ष भूपेंद्र जैन के नेतृत्व में एक 20 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल भोपाल के लिए रवाना हो गया। ये प्रतिनिधिमंडल भोपाल में प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान तथा उद्योग मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा से मुलाकात कर मेला शीघ्र प्रारंभ कराने की मांग करेंगे। प्रतिनिधिमंडल में मेला व्यापारी संघ के अध्यक्ष महेंद्र भदकारिया, मेला प्रवक्ता अनिल पुनियानी, सचिव महेश मुद्गल, उमेश उप्पल, संजय दीक्षित, सुरेश हरियानी, कल्ली पंडित, महेंद्र सेंगर, बब्बन सेंगर, अनुज सिंह, रुपेश कैन, विजय कवजू, राजेश दुबे, शाहिद खान, चंदन बैस आदि शामिल हैं।


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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....