Gwalior News: 35 लाख संपत्ति कर था बकाया, पटाखा कारोबारियों की दो फैक्ट्री सील

Atul Saxena
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ग्वालियर, अतुल सक्सेना। ग्वालियर नगर निगम (Gwalior Municipal Corporation) प्रशासन ने शनिवार को जनकगंज थाना क्षेत्र के लक्ष्मीगंज में स्थित व्यापारी ओमप्रकाश कुकरेजा और दिलीप कुकरेजा की दो पटाखा फैक्ट्री (Cracker Factory) को सील कर दिया। फैक्ट्री संचालकों पर संपत्ति कर (Property Tax) का करीब 35 लाख रुपए बकाया है। कई सालों से कुकरेजा बंधुओं ने नगर निगम (Municipal Corporation) को संपत्ति कर (Property Tax) नहीं चुकाया है।

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संपत्ति सील करने वे दल का नेतृत्व कर रहे अपर आयुक्त नगर निगम मुकुल गुप्ता ने बताया कि करीब एक लाख वर्ग फीट में फैली दो फैक्ट्रियों पर नगर निगम का संपत्ति कर लम्बे समय से बकाया है।  इसके लिए इन्हें कई बार नोटिस दिए गए। संपत्ति कर की वसूली के लिए 2017 में भी तत्कालीन निगम कमिश्नर ने भी कार्रवाई की थी और फैक्ट्रियां सील की गई थी लेकिन कुकरेजा बंधु उच्च न्यायालय चले गए थे जिसमें उच्च न्यायालय ने नगर निगम को मामले का निराकरण करने के निर्देश दिए थे। जिसके बाद फैक्ट्रियों की सील खोल दी गई। न्यायलय के निर्देश पर अपर आयुक्त, आयुक्त सभी के यहाँ से इनके अभ्यावेदन का निराकरण कर दिया गया फिर भी इन्होने संपत्ति कर नहीं चुकाया।

Gwalior News: 35 लाख संपत्ति कर था बकाया, पटाखा कारोबारियों की दो फैक्ट्री सील

Gwalior News: 35 लाख संपत्ति कर था बकाया, पटाखा कारोबारियों की दो फैक्ट्री सील

नगर निगम प्रशासन ने निगम कमिश्नर और कलेक्टर के यहां लंबित अभ्यावेदन का निराकरण करने के बाद कुकरेजा बंधुओं को नोटिस जारी किये लेकिन बकाया 35 लाख संपत्ति कर जमा नहीं किये जाने के कारण शनिवार को अपर आयुक्त नगर निगम मुकुल गुप्ता अमले के साथ लक्ष्मीगंज गोयल वाटिका के पीछे स्थित कुकरेजा बंधुओं की फैक्ट्री पर पहुंचे और उसे सील कर दिया। कार्रवाई के समय फैक्ट्री का सुपरवाइजर ही वहां मौजूद था। नगर निगम कमिश्नर के निर्देश पर यह कार्रवाई की गई है। नगर निगम प्रशासन का कहना है कि इन दिनों संपत्ति कर के बकायेदारों के खिलाफ वसूली अभियान चल रहा है इसमें बड़े बकायेदारों के खिलाफ कार्रवाई करके उनसे संपत्ति कर की राशि वसूली जा रही है।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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