भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश (madhya pradesh) में 7th pay commission DA-DR मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे शासकीय कर्मचारी अब शिवराज सरकार (shivraj government) की नजर में आ गए हैं। दरअसल प्रदेश के 70,000 से अधिक अधिकारी कर्मचारी अपनी मांगों के लिए प्रदर्शन कर रहें हैं। जिसके विरुद्ध सरकार (CM Shivraj) बड़े एक्शन की तैयारी में है। मंगलवार को कैबिनेट मीटिंग (cabinet meeting) के दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (shivraj singh chauhan) ने अर्धनग्न शासकीय कर्मचारियों के प्रति नाराजगी जाहिर की है। इस दौरान बैठक में उन्होंने कहा कि शासकीय सेवा से जुड़े व्यक्तियों से इस तरह के आचरण की उम्मीद नहीं की जाती है। इस तरह की अनुशासनहीनता को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
इतना ही नहीं सीएम शिवराज (CM Shivraj) ने ऐसे शासकीय कर्मचारियों के प्रदर्शन प्रक्रिया को अनुशासनहीनता के दायरे में लाने और उन पर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए। मामले में मध्य प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा (narottam mishra) ने कहा कि कैबिनेट मीटिंग के दौरान अर्धनग्न प्रदर्शन कर रहे शासकीय कर्मचारियों को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नाराजगी जताई है। नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि कर्मचारी शासकीय सेवक होते हैं और उनका यह कृत्य बर्दाश्त करने योग्य नहीं है।
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नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि अनुशासनहीनता की परिधि में आने वाले कोई भी आंदोलन बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे और उन पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। ज्ञात हो कि मध्य प्रदेश में विभिन्न कर्मचारी संगठन द्वारा महंगाई भत्ता (dearness allowance) और अन्य मांगों को लेकर प्रदर्शन जारी है। पिछले दिनों पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के कर्मचारियों ने अमर्यादित प्रदर्शन किया था। जहां अर्धनग्न होकर प्रदर्शन करते हुए कर्मचारियों ने DA बढ़ोतरी सहित प्रमोशन (promotion) की मांग की थी।
इसी बीच मध्य प्रदेश के पटवारी 3 दिन के सामूहिक अवकाश पर चले गए हैं। प्रदेश के 19000 से ज्यादा पटवारी अपनी तीन सूत्रीय मांग को लेकर 2 अगस्त से सामूहिक अवकाश पर हैं। इस दौरान भू अभिलेख से जुड़े सारे कार्य ठप हो गए हैं। वहीं मंगलवार को उन्होंने प्रदेश के सभी जिला मुख्यालय में रैली भी निकाली। इस दौरान पटवारियों की मांग है कि सरकार 6 दिन के अंदर मांगों पर फैसला 10 अगस्त से अनिश्चितकालीन हड़ताल किया जाएगा।
पटवारियों की मांग है की उनके Grade pay 2800 करते हुए समयमान वेतनमान विसंगति को दूर किया जाए। इसके अलावा गृह जिले में पटवारियों की पदस्थापना हो। साथ हो CPCT की अनिवार्यता नियम को समाप्त किया जाए।