मिलावटखोर पर कार्रवाई को झटका, कलेक्टर के NSA आदेश को HC ने किया निरस्त

Atul Saxena
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ग्वालियर, अतुल सक्सेना। मिलावटखोरों पर सरकार की सख्ती और जिला प्रशासन के राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत कार्रवाई करने को भले ही सत्ताधारी नेता अपनी कामयाबी बता रहे हो लेकिन हाईकोर्ट (HC) ने इसे करारा झटका दिया है।  मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ (MP High Court Gwalior) ने ग्वालियर कलेक्टर के एक व्यापारी पर लगाए रासुका (NSA) आदेश को नियम विरुद्ध बताते हुए निरस्त कर दिया है साथ ही कलेक्टर पर 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाते हुए ये राशि याचिकाकर्ता के खाते में 30 दिन के अंदर जमा करने के निर्देश दिए हैं।

मध्यप्रदेश सरकार द्वारा मिलावटखोरों के खिलाफ की जा रही कार्रवाई के तहत ग्वालियर जिला प्रशासन के खाद्य सुरक्षा अधिकारी ने डबरा के व्यापारी विनोद गोयल की रुक्मिणी मार्केट गोमतीपुर डबरा में स्थित फ्लोर मिल पर 16 जनवरी 2021 को निरीक्षण कर मसालों का सेम्पल लिया था इसके बाद डबरा थाने में FIR दर्ज करवाई। कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने व्यापारी विनोद गोयल पर 28 जनवरी 2021 को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत रासुका (NSA) लगा दी। 29 जनवरी 2021 से व्यापारी जेल में हैं।

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कलेक्टर के रासुका (NSA) आदेश को व्यापारी की तरफ से हाईकोर्ट में चुनौती दी गई। जिसकी सुनवाई जस्टिस शील नागू और जस्टिस आनंद पाठक की डिवीजन बैंच में हुई। याचिकाकर्ता के एडवोकेट संजय बहिरानी के मुताबिक उन्होंने कोर्ट में कहा कि रासुका (NSA) की कार्रवाई 28 जनवरी को हुई जबकि कलेक्टर ने इसकी जानकारी राज्य शासन को चार दिन बाद दी, इतना ही नहीं प्रशासन ने देरी का कारण भी स्पष्ट नहीं किया। कोर्ट ने इसे रासुका (NSA) के सेक्शन 3 (4) का उल्लंघन माना। उन्होंने कहा कि रासुका (NSA) लगाने के बाद केंद्र सरकार को जानकारी 6 दिन बाद दी गई जबकि रासुका (NSA) के सेक्शन 8 के तहत यह जानकारी अधिकतम पांच दिन में भेजनी होती है। तथ्य सुनने के बाद जस्टिस शील नागू और जस्टिस आनंद पाठक की डिवीजन बैंच ने कलेक्टर ग्वालियर के रासुका (NSA) आदेश को निरस्त कर दिया साथ ही कलेक्टर पर 10,000 हजार रुपये का जुर्माना लगाते हुए ये राशि याचिकाकर्ता के खाते में 30 दिन में ट्रांसफर करने के निर्देश दिए।

गौरतलब है कि इससे पूर्व ग्वालियर हाईकोर्ट ने मुरैना के दूध कारोबारी अवधेश शर्मा के खिलाफ मुरैना कलेक्टर द्वारा की गई रासुका (NSA) की कार्रवाई को नियम विरुद्ध बताते हुए रासुका (NSA) को निरस्त कर दिया था।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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