नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। जम्मू-कश्मीर में हालात एक बार फिर से बेकाबू होते नजर आ रहे है। आतंकवादियों ने अब पुलवामा जिले में शुक्रवार को एक पुलिसकर्मी रियाज अहमद ठोकर की उसके आवास पर गोली मारकर हत्या कर दी।
घायल सिपाही को शहर के सेना 92 बेस अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उसने वहां दम तोड़ दिया। 24 घंटे के अंदर आतंकियों का यह दूसरा हमला है। इससे पहले बडगाम जिले के चदूरा में गुरुवार को आतंकवादियों ने एक कश्मीरी पंडित सरकारी कर्मचारी की उसके कार्यालय के अंदर गोली मारकर हत्या कर दी।
इसके बाद से घाटी में तनाव की परिस्थिति पैदा हो गई है। स्थानीय लोगों ने हत्या पर अपना गुस्सा व्यक्त किया और घाटी में रहने वाले कश्मीरी हिंदुओं के लिए सुरक्षा की मांग की।
एक दिन पहले जम्मू-कश्मीर के बडगाम जिले में आतंकवादियों द्वारा मारे गए एक सरकारी कर्मचारी कश्मीरी पंडित का अंतिम संस्कार शुक्रवार को यहां बंतालाब में किया गया, इस दौरान एडीजीपी जम्मू मुकेश सिंह, संभागीय आयुक्त रमेश कुमार और उपायुक्त अवनी लवासा अंतिम संस्कार के लिए श्मशान घाट पर मौजूद थे। भट्ट के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए आज लोग जमा हुए।
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने कहा कि प्रारंभिक जांच से पता चला है कि दो आतंकवादी जघन्य अपराध में शामिल थे और उन्होंने अपराध को अंजाम देने के लिए पिस्तौल का इस्तेमाल किया।
आपको बता दे, धारा 370 हटने के बाद से केंद्र शासित प्रदेश में आतंकवादियों ने टारगेट किलिंग शुरू कर दी है, पिछले आठ महीनों में कश्मीर में व्यापक रूप से फैल रहे हैं। टारगेट किलिंग अक्टूबर में शुरू हुई थीं, जिसमें ज्यादातर जम्मू और कश्मीर के बाहर के प्रवासी थे, जो नौकरी की तलाश में आए थे।
अक्टूबर में, पांच दिनों में सात नागरिक मारे गए थे, उनमें एक कश्मीरी पंडित, एक सिख और दो गैर-स्थानीय हिंदू शामिल थे। अधिकारियों के मुताबिक कम से कम 168 आतंकवादी जम्मू-कश्मीर में सक्रिय हैं, जबकि 75 इस साल सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मारे गए हैं।