भोपाल,डेस्क रिपोर्ट। कोरोनावायरस (corona virus) से छुटकारा पाने के लिए हर किसी को कोरोना वैक्सीन (corona Vaccine) का इंतजार है। देश में अब तक दो कोरोना वैक्सीन को मंजूरी पर मिल गई है। वहीं हाल ही में भोपाल (Bhopal) में कोरोना वैक्सीन का ट्रायल (corona Vaccine Trial) रन भी हुआ था। इन सब के बीच एक बहुत बड़ी खबर राजधानी भोपाल से आ रही हैं। जहां राजधानी के नामी अस्पताल पीपुल्स हॉस्पिटल (People’s Hospital) पर कोरोना वैक्सीन ट्रायल को लेकर फर्जीवाड़ा (Corona vaccine trial forgery) का आरोप लगाया गया है।
600 लोगों को 750 रुपए देकर किया कोरोना वैक्सीन का ट्रायल
पीपुल्स हॉस्पिटल (People’s Hospital) पर आरोप है कि उन्होंने करीब 600 लोगों को 750 रुपए देकर कोरोना वैक्सीन का ट्रायल (corona Vaccine trial) किया है। वही टीका लगने के बाद बीमार हुए लोगों से उनके कागजात (Documents) भी वापस ले लिए गए है। पीपुल्स हॉस्पिटल (People’s Hospital) ने लोगों को झूठ बोलकर 600 से ज्यादा लोगों पर कोरोना वायरस की वैक्सीन का ट्रायल किया है। जिन लोगों की कोरोना वैक्सीन (corona Vaccine) लगने के चलते तबीयत खराब हुई है, अस्पताल द्वारा उनकी ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। वही अस्पताल पर लगे इन आरोपों को प्रबंधन सिरे से खारिज कर रहा है। अस्पताल के ऊपर उजागर हुए इस आरोप के बाद से हॉस्पिटल की द्वारा एक टीम बनाकर उन्हें बस्ती पहुंचाया गया है, जहां टीम लोगों से बातचीत कर रही है।
सामाजिक कार्यकर्ता ने लगाए आरोप
पीपुल हॉस्पिटल (People’s Hospital) पर धोखे से पुराना बैक्सीन का ट्रायल करने का आरोप सामाजिक कार्यकर्ता रचना ढींगरा ने लगाए हैं। रचना ढींगरा कहती है कि भोपाल के शंकर नगर के निवासी हरीश सिंह ने उन्हें बताया है कि उन्हें 7 दिसंबर को पीपुल्स हॉस्पिटल ले जाया गया था, जहां उनसे कहा गया कि उनकी कुछ जांच होंगी और उन्हें 750 रुपए भी मिलेंगे। साथ ही उनको एक टीका भी लगाया जाएगा, जिससे शरीर का खून साफ होगा और दूसरी बीमारी से वह ठीक हो जाएंगे। जिसके बाद हरि सिंह ने एक कागज पर अपना नाम लिखवा कर टीका लगवा लिया। बता दें कि हरि सिंह अपने घर में अकेले कमाने वाले हैं।
मरीज की नहीं ली गई सुध
सामाजिक कार्यकर्ता कहती है कि उन्हें हरि सिंह ने बताया कि अस्पताल प्रबंधन ने उनसे कहा था कि टीका लगने के बाद यदि उन्हें कोई दिक्कत आती है तो वह तुरंत अस्पताल में आकर बताएं। हरि सिंह ने बताया था कि उन्हें पहले टाइफाइड था जिस पर डॉक्टरों ने उनसे कहा कि उन्हें कुछ नहीं होगा। जब हरिसिंह दूसरी बार अपनी दिक्कत लेकर पहुंचे और उन्होंने वहां बताया कि उन्हें पीलिया हो गया है तो वहां डॉक्टर्स ने उन्हें एक्स-रे करवाने की सलाह दी और एक्सरे करवाने के लिए उनसे पैसे भी लिए गए। साथ ही दूसरी जांच करने को भी कहा, जिसके लिए उनसे 450 रुपए भी लिए गए। पैसे लेने के बाद किसी ने भी उनसे उनकी तबीयत के बारे में नहीं पूछा, जिससे वह मायूस होकर अपने घर आ गए।
लोगों को पता नहीं था कि उनपर हो रहा है वैक्सीन का ट्रायल
इसी तरह राजधानी के गरीब नगर, शंकर नगर समेत छह बस्तियों के 600 से ज्यादा लोगों पर टीके का ट्रायल किया गया है, जिसके चलते लोगों को कई बीमारियां हो रही है। लोगों के बीमार होने के बावजूद भी अस्पताल प्रबंधन इस और कोई ध्यान नहीं दे रहा है। लोग प्राइवेट हॉस्पिटल में जा कर अपना इलाज करवा रहे हैं। लोगों का कहना है कि उन्होंने 750 रुपए के लालच में आकर मजबूरी में टिका लगवाया है। उन्हें नहीं पता था कि जिस टीके को उन्हें लगाया जा रहा है वह कोरोना का है।
दोषियों पर होगी कार्रवाई
वही पीपुल्स अस्पताल (People’s Hospital) पर लगे आरोपों को लेकर यहां के डीन अनिल दीक्षित बताते है कि वैक्सीन ट्रायल सहमति मिलने के बाद ही किया जाता है। वैक्सीन ट्रायल में शामिल लोगों को आधे घंटे तक समझाया जाता है और उसी के बाद ही उनसे साइन लिया जाते हैं। इस दौरान वैक्सीन से होने वाली बीमारियों के बारे में भी बताया जाता है। उन्हें सभी तरह की जानकारी दी जाती है। इंसान के फिट होने के बाद ही उस पर वैक्सीन का ट्रायल किया जाता है। जहां तक अस्पताल प्रबंधन पर जो आरोप लग रहे हैं उसके मद्देनजर 3 किलोमीटर के दायरे को प्राथमिकता दी गई है, जिसके लिए एक टीम बनाई गई है, जिन्हें बस्तियों में पहुंचाया गया। जहां टीम लोगों से बात करेगी और उनकी परेशानी जानेगी। वहीं अगर आरोप की बात की जाए तो इस पूरे मामले की जांच करवाई जा रही है और जांच के बाद दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी।