भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। लंबे इंतजार के बाद आखिरकार आज मंगलवार को चुनाव आयोग (Election commission) ने मध्यप्रदेश उपचुनाव (MP Assembly By-election) की तारीखों का ऐलान कर दिया है। मध्यप्रदेश की 28 सीटों पर 3 नवंबर को मतदान किया जाएगा।वही 16 अक्टूबर तक उम्मीदवार अपना नाम दाखिल कर सकते है। इन चुनावों के नतीजे 10 नवंबर को आएंगे। चुनाव आयोग द्वार चुनावी प्रक्रिया के नतीजे घोषित होते ही प्रदेश में आचार संहिता लागू हो गई है।
देश में अभी 64 विधानसभा सीट और एक लोकसभा सीट के लिए उपचुनाव होने हैं। इन 64 विधानसभा सीटों में से 28 सीटें मध्यप्रदेश की हैं। चुनाव आयोग ने कहा है कि अगर कोई उम्मीदवार कोरोना वायरस पॉजिटिव होता है तो उसे चुनाव प्रचार करने की अनुमति नहीं होगी। इस दौरान उनके साथ प्रचार करने समर्थकों को भी अपना कोरोना टेस्ट करवाना होगा और क्वारंटाइन होना पड़ेगा। अब चुनाव प्रचार के दौरान उम्मीदवारों को कोरोना से बचना होगा।
मध्यप्रदेश के इतिहास में यह पहला मौका है जब एक साथ 28 सीटों पर उपचुनाव होने जा रहे है।यह चुनाव मध्यप्रदेश की तस्वीर को साफ करेंगें, जहां भाजपा (BJP) के लिए सरकार बचाना चुनौती है, वही कांग्रेस (Congress) के लिए कमबैक करना। कांग्रेस ने अब तक 24 सीटों पर उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया ,चार सीटों पर मंथन चल रहा है वही दूसरी तरफ भाजपा ने अबतक अपने पत्ते नही खोले है, हालांकि संभावना जताई जा रही है कि 25 सीटों पर वही भाजपा के उम्मीदवार होंगे जो हाल ही में कांग्रेस का दामन छोड़ भाजपा में शामिल हुए है। मुकाबला रोचक होने वाला है, चुंकी मैदान में बसपा भी है।
इन सीटों पर हैं उपचुनाव
एमपी में 28 सीटों पर उपचुनाव हैं। 28 में 25 सीटें कांग्रेस विधायकों के इस्तीफे के बाद खाली हुआ है। वहीं, 3 सीटें विधायकों के निधन से खाली हैं। सुमावली, मुरैना, दिमनी अंबाह, मेहगांव, गोहद, ग्वालियर, ग्वालियर पूर्व, डबरा, भांडेर, करेरा, पोहरी, बामोरी, अशोकनगर, मुंगावली, सुरखी, सांची, अनूपपुर, सांवेर, हाटपिपल्या, सुवासरा, बदनावर, आगर-मालवा, जौरा, नेपानगर, मलहारा, मंधाता और ब्यावरा में उपचुनाव हैं।
मप्र में रोचक होगा मुकाबला, भाजपा-कांग्रेस के बीच कड़ी टक्कर
इतिहास में यह पहला मौका है जब एमपी की 28 सीटों पर उपचुनाव होने जा रहे है।यह चुनाव मप्र का भविष्य़ तय करेंगे। 25 सीटे सिंधिया समर्थकों और पूर्व विधायकों के इस्तीफे से खाली हुई है। वही तीन सीटे विधायकों के निधन के बाद खाली हुई है। इस बार का चुनाव दोनों ही दलों के लिए महत्वपूर्व माना जा रहा है, जहां भाजपा के लिए सरकार बचाना चुनौती है वही कांग्रेस के लिए कमबैक करना।वर्तमान में 230 सदस्यों वाली विधानसभा में किसी भी दल को पूर्ण बहुमत हासिल नहीं है, BJP को पूर्ण बहुमत के लिए जहां 9 विधानसभा क्षेत्रों में जीत दर्ज करनी है, वहीं कांग्रेस को सभी 28 स्थानों पर जीत हासिल करनी होगी, तभी उसे पूर्ण बहुमत हासिल हो पाएगा।
कांग्रेस की इन सीटों पर उम्मीदवार घोषित, 4 पर मंथन
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की सहमति के बाद कांग्रेस पार्टी महासचिव मुकुल वासनिक (Mukul Wasnik) ने मध्यप्रदेश उपचुनाव के लिए 9 उम्मीदवारों के नामों की दूसरी सूची जारी की है, जिसमें कांग्रेस ने जौरा सीट से पंकज उपाध्याय, सुमावली से अजब कुशवाह, ग्वालियर पूर्व से सतीश सिकरवार, पोहरी से हरिबल्लभ शुक्ला, मुंगावली से कन्हैया राम लोधी, सुरखी से पारूल साहू, मांधाता से उत्तम राज नारायण सिंह, बदनावर से अभिषेख सिंह टिंकू बाना एवं सुवासरा से राकेश पाटीदार को टिकट दिया है। इन उम्मीदवारों में से सतीश सिकरवार, अजब कुशवाह एवं पारूल साहू हाल ही में भाजपा छोड़ कांग्रेस में शामिल हुए हैं। इससे पहले कांग्रेस 11 सितंबर को अपनी पहली सूची में 15 सीटों के लिए उम्मीदवार घोषित किया गया था, जिसमें दिमनी, अंबाह, गोहद, ग्वालियर, डबरा, भांडेर, करैरा, बमोरी, अशोकनगर, अनूपपुर, सांची, आगर, हाटपिपलिया, नेपानगर और सांवेर शामिल हैं। कांग्रेस की पहली सूची में जारी उम्मीदवारों में से प्रेमचंद गुड्डू, सत्यप्रकाश सिकरवार, सुरेश राजे एवं कन्हैयालाल अग्रवाल पहले भाजपा में रह चुके हैं, जबकि फूल सिंह बरैया एवं प्रागीलाल जाटव पहले बसपा के नेता रह चुके हैं।
भाजपा ने अब तक नही खोले पत्ते
इधर भाजपा ने अबतक अपने पत्ते नही खोले है। आम तौर पर चुनाव में प्रत्याशियों को की घोषणा के इस मामले में भाजपा (BJP) कांग्रेस से आगे रहती है। लेकिन इस बार वह कांग्रेस से पिछड़ गई है। भाजपा ने अब तक एक भी सीट पर प्रत्याशियों की घोषणा नहीं की है।सुत्रों की माने तो कई सीटों पर प्रत्याशियों के विरोध के चलते अंदरखानें में मंथन चल रहा है।हालांकि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chauhan) का कहना है कि हमारे तो प्रत्याशी घोषित ही हैं सब काम कर रहे हैं।
इन सीटों पर होगी तगड़ी टक्कर
कांग्रेस ने सुरखी से पारुल साहू (Parul Sahu From Surkhi) को चुनावी मैदान में उतारा है। पारुल साहू हाल ही में भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुई है। जबकि गोविंद सिंह राजपूत (Govind Singh Rajput) मार्च में विधायकी से इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हुए थे। पारुल के चुनावी मैदान में आने से सुरखी की सीट पर भाजपा व कांग्रेस के बीच कड़ी टक्कर होना मानी जा रही है। खास बात यह है कि वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव में पारुल साहू ने गोविंद राजपूत को चुनाव हराया था, तब पारुल भाजपा के टिकट पर और गोविंद राजपूत कांग्रेस के टिकट पर चुनाव मैदान में थे।वही उपचुनाव में सुमावली सीट (Mungawali Seat) पर भी कड़ा मुकाबला देखने को मिलेगा। कांग्रेस ने जातिगत समीकरण को ध्यान में रखकर सुमावली से अजब सिंह कुशवाहा को चुनावी मैदान में उतारा है। पिछले विधानसभा चुनाव में भी अजब सिंह और एंदल सिंह कंसाना (Edal Singh Kansana) आमने-सामने थे, तब अजब सिंह बसपा (BSP) के टिकट पर और इंदल सिंह (Inder Singh) कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े थे। कड़े मुकाबले में कंसाना चुनाव जीत गए थे। इस उपचुनाव में अजब सिंह को कुशवाहा समाज के साथ ही सिकरवार समाज का साथ मिल सकता है। क्योंकि कांग्रेस ने ग्वालियर पूर्व सीट से सतीश सिकरवार को प्रत्याशी बनाया है और सिकरवार परिवार की सुमावली विधानसभा क्षेत्र में अच्छी पैठ है। मुंगावली सीट पर कांग्रेस ने कन्हैया राम लोधी (Kanahiya Ram Lodhi) को प्रत्याशी घोषित किया है। कन्हैया राम ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक रहे हैं। वह अशोकनगर के कांग्रेस जिलाध्यक्ष थे। जब मार्च में सिंधिया कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे, तब कन्हैया राम लोधी ने भी अन्य समर्थकों का साथ प्रदेश भाजपा कार्यालय पहुंचकर सदस्यता ग्रहण की थी। जल्द ही वह कांग्रेस में वापस आ गए। कांग्रेस ने जातिगत समीकरणों को ध्यान में रखते हुए लोधी को चुनावी मैदान में उतारा है।
एमपी में चुनाव आयोग की तैयारियां जोरों पर
मप्र प्रदेश में चुनाव आयोग की तैयारियां भी जोरों पर चल रही है।यहां भारत निर्वाचन आयोग (Election Commission of India) ने पोस्टल बैलेट की प्रक्रिया को और अधिक प्रभावी बनाया है। आयोग द्वारा 3 तरह के वोटर्स को यह सुविधा प्रदान की गई है, जिसमें 80 वर्ष से अधिक के वोटर्स, पीडब्ल्यूडी वोटर्स (पर्सन्स विथ डिसएबिलिटीज) एवं कोविड-19 से प्रभावित व्यक्ति तथा कोविड-19 के संदिग्ध व्यक्ति शामिल हैं।पोस्टल बैलेट की प्रक्रिया के तहत अंतिम नामांकन से 5 दिन तक प्रत्येक आर.ओ. के पास फार्म 12-डी में आवेदन देने की सुविधा प्रदान की गई है, जिसमें मतदाता-सूची की भाग संख्या एवं क्रमांक, ईपिक नम्बर, मोबाइल नम्बर, निवास का पता/चाहे गये स्थान का पता देना अनिवार्य होगा। आवेदन को विधिवत भरकर आर.ओ. के पास जमा करना होगा। ऐसे व्यक्ति, जो कोविड-19 से संबंधित हैं, वह स्वास्थ्य विभाग का प्रमाण-पत्र संलग्न करेंगे। पोस्टल बैलेट से वोट देने की सुविधा स्वैच्छिक है। रिटर्निंग ऑफिसर प्रपत्र-1 में ऐसे समस्त आवेदनों को सूचिबद्ध कर तैयार करेंगे तथा प्रपत्र-2 में पात्रता का निर्धारण कर पोस्टल बैलेट जारी किये जाने वाले मतदाताओं की सूची तैयार करेंगे। ऐसे मतदाताओं से पोस्टल बैलेट के माध्यम से वोट प्राप्त करने हेतु एक टीम का गठन किया जायेगा, जिसमें मतदान अधिकारी की योग्यता के कर्मचारी सम्मिलित होंगे, जिनमें पुलिसकर्मी एवं वीडियोग्राफर अनिवार्य रूप से होंगे। यदि मतदाता किसी कारणवश प्रथम बार दर्शाए गये निवास पर अनुपस्थित पाया जाता है, तो टीम दोबारा उसके घर जायेगी एवं उससे पोस्टल बैलेट पर उसी सुचिता एवं गोपनीयता से बंद लिफाफे में मतपत्र प्राप्त करेगी तथा उसे बड़े लिफाफे में डालकर सीलबंद करेगी।
कोविड-19 की गाइडलाइन को ध्यान में रखा जाएगा
कोविड-19 के लिये जारी गाइडलाइन के अनुसार उप निर्वाचन की विभिन्न तैयारियों को समय-सीमा में पूर्ण किया जाये। उन्होंने निर्वाचक नामावली, मतदाता की सुरक्षा, मतदाताओं के लिए मतदान केन्द्र पर मूलभूत सुविधाओं, निर्वाचक नामावली में छूटे हुए विशेषतौर पर 18-19 आयु वर्ग के मतदाताओं को निर्वाचक नामावली में शामिल करने के निर्देश दिए। उन्होंने प्रचार-प्रसार के लिए पूर्व से की जा रही तैयारियों, निर्वाचन से जुड़े विभिन्न अधिकारियों/कर्मचारियों को प्रशिक्षण, ईव्हीएम-व्हीव्हीपीएटी का विशेष रूप से हैण्ड्सऑन प्रशिक्षण, आदर्श आचरण संहिता को कड़ाई से लागू कराने संबंधित तैयारियाँ करने के लिये भी कहा गया। मतगणना स्थल, निर्वाचन व्यय निगरानी तंत्र को प्रभावशील बनाने, शारीरिक निःशक्तता वाले पंजीकृत निर्वाचक, कोविड-19 से प्रभावित तथा कोविड संदिग्ध निर्वाचक, 80 वर्ष से अधिक आयु के मतदाता को पोस्टल बैलेट की सुविधा उपलब्ध करवाने और कानून व्यवस्था एवं सुरक्षा आदि विषय पर संबंधित जिला निर्वाचन अधिकारियों तथा पुलिस अधीक्षकों से चर्चा की और निर्वाचन आयोग द्वारा जारी अद्यतन निर्देशों से भी सभी को अवगत कराया।