भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। पूरे देश में एक तरफ जहां कृषि कानून (Farm Law) को लेकर किसान आंदोलन (Farmers Protest) की स्थिति में है। वहीं दूसरी तरफ मध्यप्रदेश (Madhya pradesh) में शिवराज सरकार (shivraj government) किसानों के लिए नए फैसले ले रही है। प्रदेश में शिवराज सरकार नई मंडी एक्ट (Mandi Act) में संशोधन कर कुछ ऐसी व्यवस्था करने जा रही है। जिससे किसानों को बड़ा फायदा मिलेगा।
दरअसल राज्य सरकार ने नई मंडी एक्ट में संशोधन करने की बात कही है। जिसके मुताबिक मंडी से बाहर की निजी मंडियों में भी अब किसान की फसल (crops) को खरीद कर कोई उनसे धोखाधड़ी नहीं कर पाएगा। किसान की फसल की उपज की कीमत किसानों को दिलाने की जिम्मेदारी मंडी बोर्ड (Mandi Board) की होगी। इसके अस्थाई रूप से खोले जाने वाले निजी मंडियों में किसानों की उपज खरीदने के लिए व्यापारी या कंपनी को मंडी बोर्ड में रजिस्ट्रेशन (Registration) कराना होगा और उन्हें टर्नओवर (turnover) के हिसाब से सिक्योरिटी (security) भी जमा करनी होगी।
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मंडी रजिस्ट्रेशन के बाद ही निजी कंपनियां या व्यापारी किसानों की फसल को खरीद पाएंगे। इस मामले में कृषि मंत्री कमल पटेल (kamal patel) का कहना है कि निजी मंडियों में रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था की जा रही है। जिससे किसानों की मेहनत से उसकी फसल की कीमत किसानों को मिल पाए और उनसे किसी भी तरह की धोखाधड़ी ना की जाए।
इसके साथ इस मामले में भारतीय किसान संघ, मध्य प्रदेश का कहना है कि प्रदेश में कई जगह पर शिकायत आ रही है कि मंडी से बाहर किसानों से अनाज खरीद कर व्यापारी या निजी कंपनियां उनसे धोखाधड़ी कर लेती है और किसानों को उनकी फसल का रकम नहीं मिल पाता है। जिस कारण से सरकार ने मंडी एक्ट कानून में संशोधन कर किसानों को लाभ पहुंचाया है।
बता दें कि मध्य प्रदेश में मंडी एक्ट 31 मई 2020 से लागू कर दिया गया है। जिसके बाद प्रदेश भर में निजी मंडियां भी खोली जा रही है। अब शिवराज सरकार ने मंडी एक्ट में संशोधन किया हैनिजी जिसमें निजी मंडियों से खरीदी के लिए भी व्यापारियों का रजिस्ट्रेशन जरूरी कर दिया गया। वहीं विधानसभा में मंडी एक्ट में संशोधन के बाद यह व्यवस्था पूरे प्रदेश भर में लागू हो जाएगी।